जरूरतमंदों को दिया जा रहा है भोजन
संवाददाता
चमोली
जरूरतमंदों को भोजन की हो रही है सप्लाई
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन में जिला प्रशासन की ओर से मोबाइल फिश आउटलेट वैन के द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए पके पकाये शुद्ध भोजन की सुविधा शुरू करा दी गई है। जनपद के नगर क्षेत्रों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके पास चूल्हा, बरतन नहीं है। लाॅकडाउन के कारण सभी होटल, ढाबे, दुकाने बंद होने से इन लोगों के सामने खाने-पीने की बडी समस्या खडी हो गई है। इसको देखते हुए जिलाधिकारी ने ऐसे लोगों तक शुद्व हाइजीनिक पका-पकाया भोजन पहुॅचाने के लिए फिश आउटलेट वैन को तत्काल उपयोग में लाने के निर्देश दिये गए थे। तब से लगभग दो सौ के करीब लोगों को हर रोज इस वैन से भोजन मिल रहा है। अभी तक इस मोबाइल वैन से 1480 लोगों को खाना खिलाया जा चुका है।
मछली उत्पादन से जुड़े काश्तकारों को मछली के विपणन की समस्या न हो और घर बैठे उन्हें अच्छे दाम मिले। इस सोच के साथ जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने पिछली जिला योजना में इस मोबाइल फिश आउटलेट वैन की खरीद को मंजूरी दी थी। आज यही मोबाइल फिश आउटलेट वैन इस कोरोना संकट की घड़ी में भी कई लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। हर रोज फिश आउटलेट वैन में जरूरतमंद लोगों के लिए खाना बनाकर कर खिलाया जा रहा है।
कर्णप्रयाग एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में बिना चूल्हा, बर्तन के सबसे अधिक लोगों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने कर्णप्रयाग मुख्य बाजार में इस वैन को लगाया है। मछली उत्पादन से जुड़े काश्तकारों के अलावा भी यह फिश आउटलेट वैन कई मायनों में किफायती साबित हो रही है। इस वैन से 4 लोगों को नियमित रोजगार मिल रहा है। वही इसका संचालन करने वाली धौली गंगा मत्स्य जीवी सहकारी समिति को भी प्रतिदिन 4 हजार से 5 हजार तक का शुद्व लाभ हो रहा है।
आम लोगों के लिए भी यह वैन कुछ खास है। अगर सफर में कभी आपके मोबाइल बैटरी समाप्त होने से आपका फोन स्वीच ऑफ हो जाए और आपको बहुत जरूरी काॅल करनी है ,तो घबराए नही इस फिश आउटलेट वैन में मोबाइल चार्ज करने की सुविधा भी है।यही नही आपदा की दृष्टि से भी चमोली जैसे संवेदनशील जिले में यह मोबाइल वैन शुद्व ताजा भोजन पहुॅचाने में कारगर साबित होगी। जिला प्रशासन ने इस वित्तीय वर्ष में भी कुछ फिश आउटलेट वैन खरीद करने का प्लान बनाया है। निश्चित ही इस तरह के साधनों को जोडना और उनको सही इस्तेमाल करना जिला प्रशासन की दूरगामी एवं बहुआयामी सोच को दर्शाता है।