उत्तराखंड के दो युवा राजस्थान में हर रात कर रहे सर्जिकल स्ट्राइक
उत्तराखंड के दो युवा हर रात राजस्थान में कर रहे सर्जिकल स्ट्राइक
ड्रोन के जरिए हो रही है सर्जिकल स्ट्राइक हर रात हजारों टिड्डियों के झुंड पर पेस्टिसाइड से की जा रही है सर्जिकल स्ट्राइक
ब्यूरो रिपोर्ट
देश और दुनिया जहां कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रही है। वहीं देश के कई राज्य टिड्डियों के हमले से जंग लड़ रहे है राजस्थान में लगातार टिड्डियों केे हमला हो रहा है । जिससे टिड्डियाँ फसलों को बर्बाद कर रही है। जिसके चलते राजस्थान सरकार ने ड्रोन के जरिए ड्रोन से पेस्टिसाइड का छिड़काव करने का फैसला किया है।
दर्शन किसानों ने सरकार से टिड्डियों के हमले से बचाने के लिए गुहार लगाई । क्योंकि टिड्डियां के लगातार हमला बढ़ता जा रहा है। जिससे हजारों एकड़ जमीन में फैली फसलें टिड्डियाँ चट कर रही हैं । किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। इससे किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हल्द्वानी के अविनाश और मानस उपाध्याय ड्रोन सर्जिकल स्ट्राइक को कर रहे हैं लीड
हल्द्वानी के रहने वाले अविनाश चंद्र और मानस उपाध्याय लगातार रात में 1:00 बजे से तिथियों के झुंड पर ड्रोन के जरिए पेस्टिसाइड से स्ट्राइक कर रहे हैं। यह स्ट्राइक सुबह 8:00 बजे तक होती है ।राजस्थान के जयपुर, अलवर जैसे जिले में टिड्डीयों का प्रकोप चल रहा है देहरादून के ग्राफिक एरा से बीटेक करने वाले अविनाश और मानस उपाध्याय स्ट्राइक में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में अविनाश और मानस उपाध्याय की टीम पेस्टिसाइड का छिड़काव करने का प्लान तैयार किया है । अविनाश चंद्र का कहना है कि एक ड्रोन 10 लीटर की पेस्टिसाइड लेकर 15 मिनट की उड़ान भरता है। इससे तकरीबन 25 हजार टिड्डियों को मार गिराया जाता है। खास बात है कि टिड्डियाँ 10 मिनट में करीब 35,000 लोगों को 1 दिन के भोजन को चट कर जाती हैं। ड्रोन के जरिए होने वाली स्ट्राइक काफी कारगर मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया के जरिए दोनों युवाओं ने एक कंपनी की शुरुआत की। डी टाउन रोबोटिक नाम की एक संस्था बनाई। आज यह संस्था गुड़गांव के डीपीएस के साथ मिलकर काम कर रही है। जिस तरह से लगातार टिड्डियाँ का हमला हो रहा है ।ऐसे में ड्रोन का स्ट्राइक काफी कारगर साबित हो रहा है। खास बात है कि उत्तराखंड के रहने वाले दोनों युवा आज जहां प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है । वहीं ये दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा का भी स्रोत है । नौकरी खोजने की जगह उन्होंने खुद संस्था बनाकर दूसरों को रोजगार देने का संकल्प किया है। कई और संस्थाओं के उनकी बात चल रही है। जिसमें ड्रोन की का इस्तेमाल किया जाएगा।
पेस्टिसाइड का छिड़काव करने वाले ड्रोन की मांग बढ़ती जा रही है बेहतर होगा ड्रोन का इस्तेमाल सरकार और संस्थाएं अवश्य जनउपयोगी योजनाओं के लिए करें तो जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा वही सेवा के नई और सर भी खुलेंगे