एयरफोर्स ने स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया आइसोलेटेड ट्रांसपोर्टेशन
एयरफोर्स ने स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया आइसोलेटेड ट्रांसपोर्टेशन
न्यूज़ डेस्क
प्रदेश और देश में लगातार कोरोनावायरस की मरीजों की बढ़ रही तादाद को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। वायुसेना ने इस तरह का अपने प्लेन में बदलाव किया है। कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के साथ दूसरे मरीजों को इमरजेंसी के वक्त लाया जा सकें। खासतौर से ऐसे ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां से मरीजों को लाना काफी मुश्किल है।
क्या है भारतीय वायु सेना का आइसोलेट ट्रांसपोर्टेशन
भारतीय वायु सेना ने आइसोलेटेड ट्रांसपोर्टेशन (ARPIT) के लिए एक स्वदेशी एयरबोर्न रेस्क्यू POD को डिजाइन किया है। इसका उपयोग उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र, पृथक और दूरस्थ स्थानों से COVID-19 सहित संक्रामक रोगों से पीड़ित रोगियों को निकालने के लिए किया जाएगा।
इस तकनीकी के इस्तेमाल से संक्रमण को एयरबोर्न के दूसरे सदस्यों को बचाया जा सकेगा।
पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का दिखा असर
आत्मनिर्भर भारत के अभियान का समर्थन करते हुए एयरफोर्स ने एयर बोर्न को बनाने के लिए केवल स्वदेशी सामग्री का उपयोग किय है। यह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया सिस्टम केवल रु। 60,000 की लागत से विकसित किया गया है, जो कि 60 लाख रुपये तक की लागत वाली आयातित प्रणालियों की तुलना में बहुत कम है।
हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ प्रोवाइडर्स ,सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर यह मॉडल आधारित है। भारतीय वायु सेना अब तक कुल 7 एआरटीआईटीएस को अपने बेड़े में शामिल कर किया है इससे मरीजों को हॉस्पिटल तक ले जाने में काफी मदद मिलेगी मिलेगी
सौजन्य से भारतीय वायु सेना रिपोर्ट टि्वटर अकाउंट