नकली दवा बनाने की कंपनी का भंडाफोड़, फूड लाइसेंस की आड़ में चल रही थी कंपनी

नकली दवा बनाने की कंपनी का भंडाफोड़, फूड लाइसेंस की आड़ में चल रही थी कंपनी
सलमान मलिक
संवाददाता रुड़की
रुड़की में नकली दवा बनाने की कंपनी का भंडाफोड़ हुआ है। ड्रग इंस्पेक्टर और अधिकारियों की छापेमारी की कार्रवाई में खुलासा हुआ है । बताया जा रहा है कि फूड लाइसेंस की आड़ में कंपनी नकली दवा बना रही थी । रुड़की और भगवानपुर नकली दवाइयों का अड्डा बनता जा रहा है जिसके कारोबारी बड़े ड्रग माफिया बनकर नए नए खेल खेल रहे हैं। एक ऐसा ही मामला आज ड्रग्स विभाग के द्वारा उजागर किया गया है जिसमें नकली दवाइयों के माफियाओं के द्वारा फूड लाइसेंस के नाम पर नकली दवाइयों का कालाकारोबार चल रहा था। ड्रग्स विभाग ने पुख्ता जानकारी पर आज छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। जिसमें 7 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। यही नहीं भारी मात्रा में नकली दवाइयां भी बरामद की गई हैं। साथ ही नकली दवाइयों को बनाने की मशीनें भी पकड़ी है। अब ड्रग्स विभाग इन लोगों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर रहा है।
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आपको बता दें रुड़की के सलेमपुर राजपूताना स्थित एक कंपनी में जब छापामार कार्रवाई को अंजाम ड्रग्स विभाग के द्वारा दिया गया तो विभाग के पैरों तले की जमीन निकल गई। कंपनी का लाइसेंस चेक किया गया तो लाइसेंस फूड का निकला । जिसकी आड़ में नकली दवाइयों का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था । छापे के दौरान कंपनी के अंदर भगदड़ मच गई। जिसमें ड्रग्स विभाग के 7 कर्मियों को मौके से दबोचा लिया गया।
ड्रग इंस्पेक्टर मानवेन्द्र सिंह राणा का कहना है कि कंपनी फूड लाइसेंस पर नकली दवाइयां बनाने का बड़ा काम कर रही थी। जिसमें हमने 7 कर्मियों को गिरफ्तार किया है और अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र में यह पहला मामला नहीं है जब नकली दवाइयों का गोरखधंधा सामने आया है इससे पहले भी भगवानपुर में दर्जनों केस ऐसे सामने आए हैं जिसमें नकली दवाइयों का बड़ा खेल खेला जा रहा था। यही नहीं हरियाणा, राजस्थान, पंजाब ड्रग विभाग के द्वारा भी यहां पर बड़ी छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। जिसकी भनक हरिद्वार ड्रग विभाग को भी नहीं लग पाई थी। एक बार फिर ड्रग्स विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है कि आखिर ड्रग विभाग की नाक के नीचे इतना बड़ा काला कारोबार कैसे चल रहा था एक सवाल यह भी है कि आखिर नकली दवा को क्या बाजार से भी उठाने की दिशा में काम किया जाएगा?