हनुमान की भूमिका में उतरे मठाली ग्रामवासी, बिना संसाधन के ही बना डाली सड़क

हनुमान की भूमिका में उतरे मठाली ग्रामवासी, बिना संसाधन के ही बना डाली सड़क
संतु दास
सामाजिक कार्यकर्ता
मठाली पौड़ी गढ़वाल
हनुमान की भूमिका में मठाली ग्रामवासियों ने भगीरथ प्रयास करके बरसों पुरानी सड़क को खुद ही बना डाला । ग्राम वासियों ने सड़क को बनाकर एक मिसाल भी पेश की है । 2002 में 12 किलोमीटर लंबी सड़क का मंजूरी मिली थी जिसका निर्माण घांघडी मोटर मार्ग पर होना था मगर 18 साल से सड़क प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी की भेंट चढ़ गई । लॉकडाउन के दौरान ग्राम वासियों ने संकल्प किया सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर दिया।
2002 में गांव तक सड़क का निर्माण शुरू हुआ था मठाली गांव से 1 किलोमीटर पहले राजकीय इंटर कॉलेज तक होना था। मगर 18 सालों से सड़क एक छोर से दूसरे छोर तक नहीं पहुंच पाई। ग्रामीण वासियों ने लॉकडाउन के दौरान सड़क का निर्माण शुरू किया। खुद ग्रामीणों ने श्रमदान करके सड़क को बनाकर मिसाल पेश की है। वह अधिकारियों और प्रशासन के लिए किसी सबक से कम नहीं है।
दरअसल ग्रामीण वासियों ने उसी के आधार पर सड़क निर्माण कार्य किया है जो विभागीय सर्वे किया गया था लॉकडाउन के दौरान गांव के युवाओं ने जो काबिले तारीफ काम किया है। वह सराहनीय है और प्रदेश के दूसरे क्षेत्र के लोगों के लिए मिशााल भी है। अगर किसी कार्य को संकल्प कर लिया जाए तो उसे पूरा भी किया जा सकता है ।
खास बात है कि ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में हनुमान की भूमिका निभाई है उन्होंने असंभव को संभव कर दिया है आज ग्रामीण वासियों का कहना है कि जिस तरह से यह पूरा काम किया गया है यकीनन यह सरकार और विभाग को भी आईना दिखाने का काम है 18 साल से सड़क अधूरी पड़ी थी और ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे ऐसे में सड़क निर्माण करके आज युवा भी खुश है।
ग्राम प्रधान का कहना है कि काफी लंबे समय से सड़क को पूरा कराने की मांग चल रही थी मगर प्रशासन की अनदेखी के चलते सड़क अधूरी पड़ी थी ।वही इस कार्य में युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और गांव के सभी लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण है जिनकी बदौलत 18 साल से पड़े अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया गया। आज गांव तक आवागमन सुगम हो गया है ऐसे भगीरथ प्रयास और संकल्प को हम भी प्रणाम करते हैं।
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