रेखा बिष्ट बनीं दुर्गा ,बड़ेत गांव का किया कायाकल्प

रेखा बिष्ट बनीं दुर्गा ,बड़ेत गांव का किया कायाकल्प
संध्या कौशल
संवाददाता
अल्मोड़ा ,कहते हैं कि इंसान संकल्प से अपनी सिद्धि को प्राप्त कर सकता है । कुछ ऐसा ही सिद्धि का नजारा देखने को मिला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ग्राम सभा बड़ेत में जहां की ग्राम प्रधान रेखा बिष्ट है। जिन्होंने फार्मेसी और मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है। जो अपने गांव को ही अपना सर्वस्व मानती हैं ।जिन्होंने ग्राम सभा को एक मॉडल ग्राम सभा बनाने का बीड़ा उठाया है
रानीखेत से द्वाराहाट मार्ग पर एक छोटे से कस्बे के पास बड़ेत ग्रामसभा मौजूद है । लंबे समय से जल संरक्षण की मांग चली आ रही थी । गर्मियों की शुरुआत शुरू होते ही पीने की पानी की किल्लत सबके सामने होती थी । मगर ग्राम प्रधान रेखा आर्य ने मनरेगा के जरिए चेकडैम बनवाया और आज मई और जून के महीने में भी डैम लबालब पानी भरा पड़ा है । बंजर जमीन की किस्मत ऐसी बदली कि आज जैविक खेती लहलहा रही है इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मिल रहा है। गांव में रोजगार और स्वरोजगार की शुरुआत हुई है ।
तुलसीदास ने भी लिखा है परहित सरिस धर्म नहीं भाई । पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।
परोपकार की भावना इंसान को महानता की ओर ले जाती है परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। इसी संकल्प के साथ रेखा बिष्ट ने गांव की महिलाओं को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग कराई और आज कई ऐसी महिलाएं हैं जो मशरूम को उगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अपने घर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है।
गांव में भारतीय स्टेट बैंक से भी जोड़ा गया है यहां तक की गांव में सेवा भारत, एसबीआई यूथ फॉर इंडिया और नरूला जैसी गैर सरकारी संस्थाओं का संचालन भी ग्राम प्रधान की देखरेख में हो रहा है ।कोरोना महामारी के दौरान गांव में चाहे राशन की बात रही हो या लोगों को मास्क उपलब्ध कराने के लिए रहा हो यहां तक की महिलाओं को सेनेटरी पैड जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए रेखा बिष्ट ने हर संभव कदम उठाया और जरूरतमंदों की मदद भी की ।
लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में तकरीबन 2 लाख प्रवासी लोग लौटे हैं ।ऐसे में रोजगार की सबसे बड़ी समस्या खड़ी हुई है । मगर बड़ेत गांव में ग्राम प्रधान ने मनरेगा के तहत लोगों को काम उपलब्ध कराया है ।शौचालय का निर्माण हुआ है । ग्राम सभा को एक मॉडल ग्राम पंचायत बनाने के लिए ग्राम पंचायत भवन, जन सेवा केंद्र की भी शुरुआत होने जा रही है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ,स्वच्छता का अभियान भी चलाया जा रहा है इतना ही नहीं गांव में पुस्तकालय भी खोला गया है ।
जिसमें गांव की महिलाएं बच्चे किताबों को पढ़ सकते हैं। ग्राम प्रधान रेखा बिष्ट का कहना है कि उन्होंने यूं तो फार्मेसी की पढ़ाई की थी कि दवाई कैसे बनाई जाती है लेकिन आज उनकी पढ़ाई इस दिशा में काम आ रही है कि गांव के बुनियादी विकास कैसे सकता है जरूरतमंदों को मदद कैसी पहुंचाई जा सकती है । यहां तक कि गांव में कैसे रोजगार का सृजन किया जा सकता है । इन तमाम बिंदुओं पर लगातार विचार मंथन किया जा रहा है। लोगों को स्वरोजगार व रोजगार से जोड़ा जा रहा है और गांव की आर्थिक व्यवस्था को बहुत तेज गति के साथ बढ़ाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि उनका सपना है कि गांव को एक मॉडल ग्राम पंचायत बनाई जाए । ग्राम वासियों के सहयोग से बड़ेत ग्राम पंचायत को एक मॉडल ग्राम पंचायत बनाने का संकल्प है।