सुप्रीम कोर्ट ने श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का हक़ राज परिवार को देने का सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का हक़ राज परिवार को देने का सुनाया फैसला
उदिशा श्रीवास्तव
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मंदिर के हक को राज परिवार को देने का फैसला सुनाया है सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले की पैरवी करते हुए फैसला सुनाया है कि अब मंदिर पर राज परिवार का होगा। केरल के तिरुवनंतपुरम में मौजूद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की गिनती देश के धनवान मंदिरों में की जाती है । आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल अप्रैल महीने में मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी ।फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित और इंदु मल्होत्रा की पीठ ने मंदिर का हक राज परिवार को सौंपने के लिए फैसला सुनाया है।
त्रावणकोर के राज परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में यह अपील की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया। सर्वोच्च न्यायलय ने हाई कोर्ट के वर्ष 2011 के फैसले को जिसमें उसने मंदिर का प्रबंधन राज्य सरकार को एक ट्रस्ट बनाकर सौपने का फैसला सुनाया था, उसे पलट दिया ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि – “राज परिवार के अंतिम शासक की मृत्यु राज्य सरकार को समिति का प्रबंधन अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देती”।
सलाहकार व प्रबंधन समिति का गठन
कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि मंदिर के प्रबंधन के लिए दो समितियां बनायीं जाएँगी। इसमें से एक समिति सलाहकार और दूसरी प्रबंधन का कार्य करेगी। इस तरह प्रबंधन समिति में गठन में एक रिटायर्ड आईएएस अफसर, ट्रस्टी द्वारा नामांकित एक सदस्य, केरल सरकार द्वारा नामांकित एक सदस्य, भारतीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा नामांकित एक सदस्य, और मंदिर के मुख्य तंत्री होंगे।इसके अतिरिक्त किसी प्रतिष्ठित चार्टेड अकाउंटेंट से 25 वर्षों का ऑडिट कराया जाएगा।
कक्ष बी
बहरहाल, कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मंदिर के पांच कमरे पहले ही खोले जा चुके हैं। उसके साथ ही, इन कमरों ने प्राप्त हुई संपत्ति और आभूषणों की सूची भी बनायीं जा चुकी है। लेकिन अभी तक “कक्ष बी” नहीं खोला गया है। इस कक्ष के मान्यता यह है कि अगर इस कक्ष को खोलने का प्रयास किया गया तो कुछ अनहोनी हो सकती है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास
राजा श्री चित्र थिरूनल बलराम वर्मा की मृत्यु होने के बाद, राज्य सरकार ने मंदिर के प्रंबंधन का जिम्मा उनके भाई उठरादम थिरूनल मारठंडा वर्मा को सौंप दिया था। हालांकि जब मारठंडा वर्मा ने यह दवा किया कि मंदिर का सारा खज़ाना त्रावणकोर के शाही परिवार की विरासत है तब बहुत सारे श्रद्धालुओं ने सिविल न्यायालयों में सिविल सूट फाइल करने शुरू कर दिए। गौरतलब है कि तब से यह मंदिर अधिक चर्चा में आ गया और हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच गया।सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला त्रावणकोर के शाही परिवार को राहत देने वाला है। भारत देवी देवताओं की भूमि है और यहां मंदिरों को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी है उसी में से एक पद्मनाभस्वामी मंदिर भी शामिल है ।जिसको लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित है