उत्तराखंड के घर घर गांव गांव हरेला की धूम घाट में धूमधाम से मनाया गया हरेला का पर्व

उत्तराखंड के घर घर गांव गांव हरेला की धूम घाट में धूमधाम से मनाया गया हरेला का पर्व
सोहन सिंह
संवाददाता
साउथ एशिया 24 * 7
घाट
चमोली
पर्वतीय क्षेत्रों में आज से सावन की शुरुआत हुई है। वही हरेला के पर्व को भी पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है । ऐसी मान्यता है कि हरेला के दिन जो पौधे लगाए जाते हैं । उससे घर में खुशहाली आती है ।और ऐसे पौधे का कभी सूखते नहीं है। इसके मद्देनजर प्रदेश के घर घर गांव गांव में हरेला के त्यौहार को बहुत हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उत्तराखंड की धरती पर ऋतुओं के अनुसार कई अनेक पर्व मनाए जाते हैं । यह पर्व हमारी संस्कृति सरोकार रखते हैं वहीं पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए, इन्हीं खास पर्व में शामिल, हरेला उत्तराखंड में एक लोकपर्व है। हरेला शब्द का तात्पर्य हरयाली से हैं ।यह पर्व वर्ष में तीन बार आता हैं ।पहला चैत मास में दूसरा श्रावण मास में तथा तीसरा साल के आखिरी पर्व हरेला आश्विन मास में आता हैं।
हरेला पर्व की ऐतिहासिक मान्यता
प्रदेश वासी श्रावण मास में पड़ने वाले हरेेला को अधिक महत्व देते हैं क्योंकि श्रावण मास शंकर जी विशेष प्रिय माना जाता है। सावन लगने से नौ दिन पहले पांच या सात प्रकार के अनाज के बीज एक रिंगाल को छोटी टोकरी में मिटटी डाल के बोये जाते हैं ।इसे सूर्य की सीधी रोशनी से बचाया जाता है प्रतिदिन सुबह पानी से सींचा जाता है। 9 वें दिन इनकी पाती की टहनी से गुड़ाई की जाती है और दसवें हरेला के दिन इसे काटा जाता है। विधि अनुसार घर के बुजुर्ग सुबह पूजा-पाठ करके हरेला के देवताओं को चढ़ाते हैं। उसके बाद घर के सभी सदस्यों को हरेला लगाया जाता हैं।
उत्तराखंड की भूमि शिव भूमि कहा जाता है। क्योंकि भगवान शिव का वास स्थान यही देवभूमि कैलाश में ही है।इसीलिए श्रावण मास के हरेला में भगवान शिव के परिवार की पूजा अर्चना की जाती हैं।
शिव,माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां शुद्ध मिट्टी से बना कर उन्हें प्राकृतिक रंग से सजाया-संवारा जाता है। जिन्हें स्थानीय भाषा में डिकारे कहा जाता है। हरेला के दिन इन मूर्तियों की पूजा अर्चना हरेले से की जाती है। यह पर्व शिव पार्वती विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य पर ग्राम सभा बूरा के पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर दिलबर सिंह ने अपने गांव में हरेला पर्व मनाया गया।
उनका कहना है कि इंटर कॉलेज बूरा के परिसर में भी पौधारोपण करके हरेला पर्व मनाया गया उनका कहना है कि सरकार की सभी योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है ताकि सभी लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। खासतौर से प्रदेश सरकार जिस तरह से बेहतर काम कर रही है इससे ग्रामीणों को काफी लाभ मिला है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों की सराहना भी की उनका कहना है कि सरकार कई तरह के बेहतर काम कर रही है खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार की दिशा में भी सरकार ने बेहतर कदम उठाया है। उनका कहना है कि आज हमको बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया को जोड़ने का त्यौहार है सबको मिल जुलकर चाहिए।
कार्यक्रम में पीटीआई राकेश बिष्ट, प्रवीण चंद्र जमलोकी, अरुण त्रिपाठी., डॉक्टर जगमोहन सिंह नेगी, डॉक्टर आर इंद्र प्रताप सिंह, विवेक चौधरी, भूपेंद्र सिंह भंडारी इंद्र सिंह रावत आरके सिंह प्रधानाचार्य देवी प्रसादगौड़ सुशील भट्ट आदि शामिल हुए।