केदारनाथ के वासुकी ताल त्रियुगीनारायण ट्रैकिंग रूट पर लापता 4 युवकों को एसडीआरएफ ने सकुशल किया रेस्क्यू

केदारनाथ के वासुकी ताल त्रियुगीनारायण ट्रैकिंग रूट पर लापता 4 युवकों को एसडीआरएफ ने सकुशल किया रेस्क्यू
सोहन सिंह
संवाददाता
साउथ एशिया 24 * 7
12 जुलाई को अपने साथियों के साथ बाबा केदारनाथ में दर्शन करने के बाद वासुकीताल त्रियुगीनारायण होते हुए सोनप्रयाग पहुंचने के लिए चार युवक ट्रैकिंग रूट से निकल पड़े। अपने दूसरे साथियों को यह भी बताया कि वेे अगले दिन एक साथ भोजन करेंगे और सुबह सोनप्रयाग पहुंच जाएंगे। उनके साथी केदारनाथ गौरीकुंड मार्ग से पहुंच गए। लेकिन 13 जुलाई की शाम को जब चारों युवक सोनप्रयाग नहीं पहुंचे। तो उनके साथ ही शशांक ने इस पूरी घटना को पुलिस से बताया 14 जुलाई को केदारनाथ पुलिस चौकी पर इस पूरे मामले की सूचना दी गई। केदारनाथ क्षेत्र से वासुकी ताल को गए चार ट्रैकर के लोकेशन के संबंध में जानकारी नहीं मिली। यह पूरी खबर एसडीआरएफ को बताई गई। तत्काल में एसडीआरएफ की टीम केदारनाथ से सर्च ऑपरेशन शुरू किया । सबसे पहले एसडीआरएफ की टीम वासुकी ताल के लिए रवाना हुई मगर अत्याधिक मौसम खराब होने की वजह से सफलता नहीं मिल पाई 15 जुलाई को एसडीआरएफ एसडीआरएफ कमांडेंट भट्ट की देखरेख में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। पहला ऑपरेशन केदारनाथ दूसरा सोनप्रयाग मनु कुटिया तीसरा ऑपरेशन सोनप्रयाग से तोशी और केदारनाथ में जवानों ने शुरू ऑपरेशन शुरू किया। फिलहाल केदारनाथ क्षेत्र से तोशी गांव को किया गया ।इतना ही नहीं चारों युवकों को पता लगाने के लिए हवाई सर्वे भी कराया गया मगर मौसम खराब होने की वजह से बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली ।
हाई एल्टीट्यूड से क्षेत्र होने की वजह से बार-बार मौसम खराब हो रहा था और कोहरा होने की वजह से हवाई ऑपरेशन नहीं चल पाया। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन का मोर्चा संभाला । लापता चारों ट्रैकर जो देहरादून के हिमांशु गुरंग ,जितेंद्र भंडारी नैनीताल से मोहित भट्ट और जगदीश बिष्ट केदारनाथ से लापता हुए थे । उनको लेकर पूरी जानकारी प्रदेश सरकार को दी गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सर्च ऑपरेशन में की लगातार पल-पल की जानकारी लेते रहे और अधिकारियों को उन्होंने इस पूरे काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। जिसके बाद लगातार एसडीआरएफ के जवान अलग-अलग सर्च टीम के जरिए लापता चारों ट्रैकर की तलाश करते रहे। एसडीआरएफ की टीम ने वासुकी ताल से त्रियुगीनारायण ट्रैक पर जाने वाले चारों ट्रैकर का संपर्क करने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद इसकी लोकेशन मिल गई ।रहने के लिए कोई इंतजाम नहीं था ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौती थी। इसके लिए उन्हें कहा गया कि वे जहां है धुंआ करें। उनका लोकेशन पता चल सकें।
फिलहाल पर्वतीय क्षेत्रों में भीषण ठंड के बीच ऑपरेशन चलाया गया और लोकेशन फिलहाल 16 जुलाई को पता कर लिया और आज उन्हें तोशी जंगलों में खोज निकाला गया। काफी थके थे और ऐसे में सभी जवानों की निगरानी में नीचेे लगाया गया । ऐसे में मेडिकल चेकअप के बाद फिलहाल उनको उनके घर के लिए रवाना किया गया पुलिस प्रशासन का कहना है कि बिना उचित जानकारी और सज्जो सामान के साथ किसी तरह से ट्रैकिंग करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में किसी भी ट्रैकिंग पर जाने के पहले उसकी पूरी सूचना प्रशासन को देनी चाहिए।