कोरोना की दास्तान पर यूथ मेंटर यश तिवारी ने लिखा नया उपन्यास- पेंडेमिक 2020

कोरोना की दास्तान पर यूथ मेंटर यश तिवारी ने लिखा नया उपन्यास- पेंडेमिक 2020
आयुषी बोस
संवाददाता
साउथ एशिया 24 * 7
यश तिवारी को साउथ एशिया 24 * 7 ने मंथ ऑफ आईकॉन चुना है उन्हें बहुत-बहुत बधाइयां व शुभकामनाएं
देश और दुनिया कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रही है जहां मिलियन लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं । तो वही लाखों को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। लगातार कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। क्या शहर, क्या गांव, क्या मासूम, क्या बुजुर्ग हर कोई अदृश्य दुश्मन से खौफजदा है और बचने का उपाय खोज रहा है। मगर अभी कोई युक्ति सूझ नहीं रही है।
कोरोना वैश्विक बीमारी से जूझ रहें भारत, चीन, अमेरिका और इटली के साथ दुनिया के कई दूसरे मुल्कों की दास्तान को कानपुर के युवा लेखक यश तिवारी ने अपने नए उपन्यास पेंडेमिक 2020 में उल्लेख किया है।
उपन्यास को ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर की ओर से ऑनलाइन लॉन्चिंग भी की गई है । उपन्यास को 18 साल के एश तिवारी ने लिखा है जो यूथ मेंटर भी है, देश और दुनिया के कई सेमिनार में अपने ओजस्वी विचारों को सारगर्भित तरीके से पेश भी कर चुके है। यह देश का नहीं बल्कि दुनिया का पहला कोरोनावायरस पर आधारित काल्पनिक उपन्यास है जो कोविड-19 की वैश्विक समस्याओं को उजागर करता है।
कोविड 19 का सामना कर रहें दुनिया के चार पावरफुल देशों की ऐसे दास्तान का जिक्र है जो अनकहे है । जिसमें भारत, अमेरिका, चीन और इटली शामिल है। दुनिया के शक्तिशाली देश कोरोना के सामने कैसे नतमस्तक हैं , विश्व बिरादरी की मीडिया कितने जोखिम भरे हालातों में हम तक खबर पहुंचा रही है ।इस बात को बहुत बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है।
डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल किस तरह से जिंदगी और मौत से जूझ रहें मरीजों का मानवीय सेवाभाव से इलाज कर रहे हैं। पहाड़ सी मुश्किलों और विपरीत हालातों में खुद को कोरोना से बचना की जद्दोजहद के बीच डॉक्टर कैसे भगवान बन कर मरीजों का दिन रात इलाज कर रहें हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के सामने दो जून की रोटी के संघर्ष की कहानी का भी जिक्र है।लॉकडाउन के चलते प्रवासी किस तरह से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहें हैं। इस बात को बहुत ही मार्मिक तरीके से पेश किया गया है। आपको बता दें कि 2018 मेंं यश तिवारी ने विश्व विख्यात उपन्यास ए सेलिब्रेशन इन ट्रिब्यूलेशन भी लिख चुके हैं ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटिवेशनल स्पीकर, यूथ मेंटर राइटर के तौर पर भी उन्होंने कई उपलब्धियों को हासिल किया है । रोजाना किसी न किसी स्कूल, कॉलेज, इवेंट व सेमिनार में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
इतनी कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय जोश टॉक्स के प्लेटफार्म पर भी स्पीच दे चुके हैं । यह उनकी दूसरी किताब है जो उन्होंने सिर्फ 1 महीने में ही लिखी है ।18 साल से कम उम्र में कई सारे उन्हें पुरस्कारों से नवाजा भी जा चुका है। द ईयर अवार्ड, इंस्पायरिंग , इंडियन आवाज , कर्मवीर चक्र अवॉर्ड के साथ कई और पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
जिस हालात के बारे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं था आज दुनिया उस अदृश्य दुश्मन का सामना कर रही है ।जिसमें दहशत भी है, विपरीत हालात भी है , जिसमें मुकाबला व संघर्ष भी है लेखक इन विपरीत हालातों और चुनौतियों को रूबरू कराते हुए पाठकों को एक सकारात्मक संदेश भी देता है। कैसे शारीरिक दूरी बनाने के साथ हमें आपसी सहयोग और तालमेल से कोरोना को नेस्तनाबूद कर सकते हैै। फिलहाल पेंडेमिक 2020 उपन्यास देश और दुनिया के ई बुक पर उपलब्ध है