75 साल पहले दुनिया का सबसे पहला परमाणु हमला आज ही हुआ था

75 साल पहले दुनिया का सबसे पहला परमाणु हमला आज ही हुआ था
ब्यूरो रिपोर्ट
6 अगस्त 1945 को दुनिया का सबसे पहला परमाणु हमला जापान के हिरोशिमा नागासाकी पर किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह सबसे बड़ा हमला था । जिसमें लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस परमाणु हमले को लेकर दुनिया में बहुत बदलाव भी हुआ । इस हमले को लेकर निंदा भी हुई। कई वैज्ञानिक वर्षों तक रिसर्च भी करते रहे कि परमाणु हमले का किस तरह से दुष्परिणाम निकलता है। आज दुनिया एक बार फिर जापान के हिरोशिमा नागासाकी के परमाणु हमले को याद कर रही है मगर सवाल भी है कि मानव सभ्यता का विकास का मतलब यह नहीं है कि मानव सभ्यता के समूल विनाश के लिए शस्त्र को तैयार किया जाए । अब दुनिया के देशों में परमाणु प्रसार संधि पर मुहर भी लग चुकी है मगर कई ऐसे देश है जो चोरी-छिपे आज भी परमाणु हथियार बनाने की होड़ में लगे हैं।
75 साल बाद भी हिरोशिमा-नागासाकी में है परमाणु बम का असर, लाखों लोगों को आज भी है दर्द
6 अगस्त, 1945 को पहली बार परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था. 6 अगस्त को सुबह 8.15 मिनट पर अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था. इसके तीन दिन के बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर एक और बम गिराया। इसमें लाखों लोग मारे गए, जबकि लाखों प्रभावित हुए।इस हमले के बाद लाखों लोगों पर रेडिएशन की चपेट में आ गए जिसका असर आज भी मौजूद है।
1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण में जापान और अमेरिका के रिश्ते खराब हो गए थे। जापान की सेना ने ईस्ट-इंडीज के तेल-समृद्ध क्षेत्रों पर कब्जा करने के इरादे से इंडो-चाइना को निशाना बनाने का फैसला किया। जापान के इस कदम का अमेरिका ने विरोध किया था। जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान के ऊपर परमाणु बम से हमला कर दिया। अमेरिका ने हिरोशिमा में जिस बम का इस्तेमाल किया था उसका कोड नेम था ‘लिटिल ब्वॉय’. जिसकी लंबाई थी 3.5 मीटर और वजन 4 टन था. इस हमले में लगभग 1,40,000 लोग मारे गए. और कई रेडिएशन से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त हो गए.
इसके बाद 9 अगस्त, 1945 को अमेरिका ने नागासाकी पर “फैट मैन” नामक बम गिराया. इस परमाणु बम ने 75,000 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया। परमाणु हमले के छह दिन बाद यानी 15 अगस्त 1945 को जापान ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था।पिछले साल यानि 74वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मेमोरियल जाकर इन हमलों पर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी थी और परमाणु मुक्त दुनिया का संकल्प लिया था. हालांकि इस साल कोरोनावायरस के कारण यह स्मरणोत्सव टाल दिया गया है।