महान शख्सियत अशोक मेहता का सफरनामा, कैसे पहुंचे राष्ट्रपति भवन तक

महान शख्सियत अशोक मेहता का सफरनामा, कैसे पहुंचे राष्ट्रपति भवन तक
आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति का इंटरव्यू लेने जा रहे है, ये बहुत ही मेहनती और प्रसिद्ध व्यक्ति है, इनका नाम है अशोक मेहता। ये कैसे एक साधारण इंसान से हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति के निजी सचिव (प्राइवेट सेक्रेटरी) बने आज हम उनसे पूछेंगे। आशा करते है कि आप सब इनके इस सफर के बारे में जानकर प्रेरित होंगे।
अशोक मेहता, चीफ़ कमिशनर ऑफ CGST, वडोदरा ज़ोन और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निजी सचिव (प्राइवेट सेक्रेटरी) का टेलीफोनिक इंटरव्यू
By पुष्पिता मजूमदार संवाददाता साउथ एशिया 24×7
1. नमस्कार अशोक सर, कैसे है आप? आज हम आपके इस प्रेरणादायक सफर के बारे में जानना चाहते है।आप इंजीनियरिंग से इतने बड़े पोस्ट में कैसे पहुचे?
नमस्कार जी मैं बिल्कुल ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी सुरक्षित और स्वस्थ है। मेरे सफर की शुरुआत कुछ ऐसी थी कि मैं बहुत ही साधारण परिवार से हूँ और मैने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूलों से की है। मैंने सरकारी स्कूलों से 12वीं पास किया और फिर दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कंप्लीट की। फिर उसके बाद मैंने आई.आई.टी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में एम.टेक किया। वहीं पर रहते हुए मैंने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस की तैयारी की और वहां पर चुने जाने के पश्चात असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफ सेंट्रल वॉटर कमिशन में काम किया। वही रहते मैंने सिविल सर्विसेस की तैयारी की, और इंडियन रिवेन्यू सर्विसेस कस्टम्स एंड एक्साइज में मैं सिलेक्ट हुआ और सर्विस में रहते हुए मैंने एल.एल.बी की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से की और पढ़ने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरी पढ़ाई जो सरकारी स्कूलों से प्रीमियम इंस्टिट्यूशन तक पहुंची उसी वजह से आज मैं यहां सिविल सर्विसेज तक पहुंचा।
2. आप प्रेसिडेंट प्रणव मुखर्जी जी के प्राइवेट सेक्रेट्री का काम करते थे । कैसा महसूस होता है इतने बड़े पोजीशन में काम करके?
जब मैं सिविल सर्विसेस में था और जॉइंट सेक्रेट्री के पद के लिए मैंने अप्लाई किया, उस समय हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी साहब के लिए प्राइवेट सेक्रेट्री की तलाश जारी थी। उसी समय मैंने अप्लाई कर दिया था तो बड़ा सुखद अनुभव था कि जब इंटरव्यू के पश्चात और तमाम तकनीकी क्लीयरेंसस के बाद जब मैं प्राइवेट सेक्रेट्री के तौर पर काम करना शुरू किया एक महानतम ज्ञानी व्यक्ति के साथ जो भारत के प्रथम नागरिक थे उनके साथ काम करने में एक बेहतरीन अनुभव का महसूस हुआ। देश-विदेश की तमाम राजनीतिक गतिविधियां किस प्रकार से संचालित होती है, किस तरह से बड़े से बड़े जो संविधानिक फैसले हैं, किस प्रकार लिए जाते हैं। आप हर प्रकार से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के होने वाले मीटिंगस मैं रहते हैं, जब विदेश से प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति आते हैं तो लगातार एक साए की तरह राष्ट्रपति के साथ रहकर उनके असिस्टेंट की तरह या प्राइवेट सेक्रेटरी की तरह उनके कार्य प्रणाली को समझने और देखने का जो मौका मिलता है उस से एक बेहतरीन अनुभव का महसूस हुआ और यह मेरे लिए बहुत ही फक्र की बात थी और बहुत कुछ सीखा मैंने और देश विदेश में जाकर जो राजनीतिक गतिविधियो के विभिन्न पहलू को समझने की कोशिश की जैसे कि सरकार अपना काम कैसे करती है। और अंत में यही कहना चाहूंगा कि यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि मैंने अपने देश के राष्ट्रपति के लिए काम किया।
3. अभी आप चीफ कमिश्नर सीजीएसटी वडोदरा में काम कर रहे हैं। अपने काम और अनुभव के बारे में बताइए।
जब राष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किया तत्पश्चात मैंने गुड़गांव में प्रिंसिपल कमिश्नर के पद में काम किया, उसके बाद मैं एडिशनल सेक्रेटरी रेवेन्यू बनके मुंबई आया, वहां 15 महीने के बाद जब मेरा प्रमोशन हुआ तो मैं चीफ कमिश्नर CGST, बनके वडोदरा में आया और वडोदरा गुजरात की औद्योगिक रूप से काफी प्रसिद्ध जगह है, यहां विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीस मुंबई से शुरू हो के अहमदाबाद तक है, यहां के क्षेत्र जैसे दादरा और नगर हवेली, अंकलेश्वर, नाडियाड, वडोदरा, हलोल, आनंद, सूरत, इस प्रकार के तमाम जो औद्योगिक क्षेत्र हैं, यह हमारे जूरिडिक्शन में आते हैं और यह बहुत ही सुखद अनुभव था जब मैंने जी.एस.टी वडोदरा में काम किया। यहां के लोग बहुत ही बेहतरीन कार्य प्रणाली से काम करते हैं बहुत ही अनुशासित है लॉ एंड ऑर्डर कि कोई प्रॉब्लम नहीं है यहां आप जितनी लगन से काम करना चाहते हैं उतनी ही लगन से काम कर सकते हैं। यहां कोई भी राजनीतिक या लॉ ऑर्डर ना मानने की समस्या नहीं है। यहां इस पद पर रहते हुए मैंने काफी सारी चीजों पर काम किया जैसे क्लीन एंड ग्रीन मिशन के लिए हमारे वडोदरा जोन को हिंदुस्तान भर के बेस्ट जॉन का अवार्ड मिला, हमने यह कोशिश की कि15000 प्लांटेशन्स किया जाए इस क्लीन एंड ग्रीन मिशन के अंतर्गत, पी.एन.जी सिस्टम के गैस को हमने यहां की कॉलोनीस में वितरित कराया ताकि लोगों की सुविधाएं बरकरार रहे और उनको किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े और हमने इस कोरोना टाइम में भी उद्योगपतियों को मदद देने के लिए उनके रिफंडस करवाएं, घर पर रहते हुए ऑफिसेस के द्वारा कराए, लगभग ₹4000 क्लेम्स से लेके 600-650 करोड़ की क्लेम्स कराये अतः यह बहुत ही सुखद और अच्छा अनुभव था।
4. आपका आपके अबतक के पूरे कार्यकाल में सबसे अच्छा अनुभव कोनसा रहा है?
मेरा अब तक का सबसे अच्छा तजुर्बा तब रहा जब मैं एडीशनल डायरेक्टर जनरल रहा नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम एक्साइज एंड नारकोटिक्स में जहां मुझे एक नई पीढ़ी को तैयार करने का अवसर मिला देशभर के पढ़े- लिखे नौजवान जब इंडियन रेवेन्यू सर्विस में ज्वाइन करते हैं तो एकेडमी में उनको नई तकनीक समझाना, अनुशासित होने को सिखाना और मिल जुल कर काम करने की भावना को बढ़ाना यह सब मैंने किया, और यहा मेरा लगभग 7 साल का कार्यकाल रहा तो मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात थी कि जब मैंने 9 बैचस को ट्रेन किया और जिन-जिन को मैंने ट्रेन किया वह पूरे देश भर में आज ज्वाइंट कमिश्नर, डेप्युटी कमिश्नर और भी अच्छी- अच्छी पोस्ट पर काम कर रहे हैं।और मैंने वहां रहते हुए काफी अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ काम किया नई पीढ़ी को ट्रेन किया और तो और पुरानी पीढ़ी की क्षमता को अपग्रेड किया। उसी प्रकार से जब मैं राष्ट्रपति जी का निजी सचिव था तो वहां का कार्यकाल भी मेरा सबसे महत्वपूर्ण समय था पूरे कार्यकाल में मैंने बहुत कुछ सीखा बहुत से जाने-माने लोगों से मैं मिला और बातचीत की। राजनीतिक नीतियों को देखा और समझा, तो ये भी मेरे अब तक के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अच्छा अनुभव रहा है।
5. हमारा आपसे आखरी सवाल है कि अभी कोरोनावायरस महामारी के चलते पूरी दुनिया में बहुत ही मुश्किल का समय चल रहा है, ऐसे में आप हौसला बढ़ाने के लिए देशवाशियों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
कोरोना महामारी इस समय पूरे देश को बल्कि पूरे दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। इसी वजह से कई देश अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड कर रहे हैं, इसी तरह से हमारे देश में भी जब प्रधानमंत्री श्री.नरेंद्र मोदी जी ने सही समय पर लॉकडाउन किया और अपनी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की कोशिश की, लगातार इस बीमारी को लेकर जागरूकता बढ़ाने कोशिश की, जैसे कि हाथ और मुंह धोना, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना, इम्यूनिटी बूस्ट करना और अपनी तरह से सारे बचाव करना, यह सब मैं भी अपने देशवासियों को बोलना चाहूंगा। हम सभी संकट के दौर से गुज़र रहे हैं यदि आज हम खुद को बचाएंगे तो कल जिंदा रहेंगे। हमें खुद को अपने परिवार को और आगे की पीढ़ियों को अगर संभालना है तो हमें कोरोनावायरस से लगातार लड़ाई करनी होगी और इस लड़ाई में हमें जीतना होगा हमारी यह कोशिश जारी है कि हम अपने देश में कोरोनावायरस के लिए वैक्सीन बना सके, तब तक के लिए इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जो हमारी आयुष मंत्रालय की दवाइयां हैं उसे समय-समय पर ले। अतः मैं यही कहना चाहूंगा कि इस प्रकार से आप कोरोना से लड़िए और मैं आशा करता हु की हम सब जीतेंगे और जल्द ही सब वापस पहले जैसा हो जाएगा और फिर एक बार हंसते हुए बच्चों, खेतों में लहराते हुए फसलों और मेहनती लोगों को काम करते हुए हम देख पाएंगे और आने वाले दिनों में अपने देश को फिर से तरक्की की दिशा में ले जाएंगे।
-बहुत धन्यवाद सर आपका हमारे साथ जुड़ने के लिए और इंटरव्यू देने के लिए!
आप सभी को धन्यवाद। पूरे साउथ एशिया 24*7 को मैं धन्यवाद कहना चाहूंगा इस इंटरव्यू के लिए और मेरी बातों को देशभर के लोगों तक पहुंचाने के लिए।
तो यह थे आशोक मेहता जी जिन्होंने अपने बहुत ही उम्दा कार्यकाल के बारे में हमसे शेयर किया। आशा करते हैं कि आपको इनका सफ़र प्रेरित किया होगा और दिलचस्प भी लगा होगा।