देश में साक्षरता का स्तर बढ़ा, कई राज्य साबित हो रहे फिसड्डी

देश में साक्षरता का स्तर बढ़ा, कई राज्य साबित हो रहे।फिसड्डी
By बृजेश पांडेय
देश में लगातार साक्षरता का स्तर बढ़ता जा रहा है कई राज्यों में बेहतर सुधार किया है जबकि कई राज्य अभी भी अच्छा परफॉर्मेंस नहीं कर पा रहे हैं ।राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक केरल, दिल्ली ,उत्तराखंड जैसे राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
आज विश्व साक्षरता दिवस है। ये दिन शिक्षा की आवश्यकता बताता है, साथ शिक्षा प्राप्त किये लोगों का समाज में एक अलग ही रुतबा है। सबसे पहले 17 नवंबर 1965 को निर्णय लिया गया कि हर वर्ष 8 सिंतबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जायेगा। तब से हर वर्ष 8 सिंतबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
विश्व में बढ़ते समय के साथ साक्षरता की जरूरतें बढ़ती जा रही है। आज हर कामयाबी के पीछे साक्षरता एक महत्त्वपूर्ण पक्ष होता है। ताकि व्यक्ति अपनी क्षमता को समझा सके ।
साक्षरता का मतलब साक्षर होना अर्थात पढ़ने-लिखने योग्य व्यक्ति को साक्षरता की श्रेणी में रखा जा सकता है। वही भारत में साक्षरता की श्रेणी में उस व्यक्ति को रखा जाता है,जो अपना नाम लिखने-पढ़ने की योग्यता रखता हो उसे साक्षर समझा जायेगा।
राष्ट्रीय अर्थ सांख्यिकी विभाग में उसके मुताबिक केरल देश में साक्षरता के मामले में अव्वल है 96 2 फ़ीसदी जनसंख्या साक्षर है । जबकि दिल्ली एट 88.7% के साथ दूसरे नंबर पर है वहीं उत्तराखंड 87.6% के साथ तीसरे पायदान पर है । रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगातार साक्षरता की दर में वृद्धि हो रही है। 86.6% के साथ हिमाचल प्रदेश चौथे स्थान पर है जबकि 85.6 के साथ असम पांचवें स्थान पर है। राष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक विदेश में देश में साक्षरता का रहस्य 77.7 %है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 73.3 फ़ीसदी लोग साक्षर है शहरी क्षेत्रों में 87 फीसदी जनसंख्या साक्षर है। जबकि आंध्र प्रदेश 66 फीसदी के साथ सबसे कम साक्षर वाले प्रदेश में शामिल है। जबकि देश में 84.7% पुरुष और महिलाएं 70.7% फ़ीसदी साक्षर है।