झारखंड में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में फीस को कम करने की मांग हुई तेज

झारखंड में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में फीस को कम करने की मांग हुई तेज
By नेहा झा
द्रौपदी मुर्मू से आक रांची विश्वविद्यालय के सीनेट के पूर्व सदस्य प्रतुल शाहदेव ने आज राज भवन आकर मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को कोरोना काल में विद्यार्थियों की समस्याओं से अवगत कराया।
राज्यपाल से उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यार्थी अर्थाभाव में नामांकन नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीपीएल सीटों पर नामांकन की स्थिति वोकेशनल कोर्स में अत्यन्त चिंताजनक है। जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति वोकेशनल कोर्स पर ज्यादा जोर देती है। राज्यपाल से उन्होंने भी कहा कि स्नातकोत्तर के गरीब विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी समय पर नहीं मिल पा रहा है।
राज्यपाल से आग्रह किया गया कि जिस तरह विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में वोकेशनल कोर्स के फीस में 25% की कमी की है। यह व्यवस्था पूरे राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर भी लागू किया जाए। उक्त अवसर उन्होंने संत जेवियर्स कॉलेज, राँची के द्वारा कोरोना काल में फीस वृद्धि की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया और आग्रह किया कि कोरोना काल में विद्यार्थियों और अभिभावकों की परिस्थिति को समझते हुए कि वे सामान्य फीस देने में भी अभी असमर्थ हो रहे हैं तो ऐसे समय में शुल्क वृद्धि न्यायसंगत एवं उचित नहीं है।
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। मगर विश्वविद्यालय और कॉलेज फुल टाइम पढ़ाई के जैसे ही छात्र-छात्राओं से फीस वसूल रहे हैं ।जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों का कामकाज काफी प्रभावित हुआ है ।
आम लोगों के सामने आर्थिक दिक्कतें आ रही हैं ऐसे में अभिभावक पूरी तरह से फीस देने में असमर्थ हो रहे हैं उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मांग की और कहा कि इस दिशा में उचित कदम उठाने की जरूरत है । जिससे छात्र छात्राओं के साथ अभिभावकों को भी फीस में राहत मिल सके। उन्होंने नई शिक्षा नीति के बारे में भी चर्चा की। नई शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्स को पढ़ाने में ज्यादा प्राथमिकता दी गई है ।आने वाले दिनों में प्रोफेशनल कोर्स पढ़ाने पर ही जोर दिया जाएगा।