उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी हमें पढ़ने दो, ना रोको काउंसलिंग, ना रोको दाखिला

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी हमें पढ़ने दो, ना रोको काउंसलिंग, ना रोको दाखिला
ब्यूरो रिपोर्ट
जी बी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। जिसको लेकर वे दिल्ली सरकार से जी बी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में नए छात्राओं के दाखिले की मांग कर रहे हैं। जी बी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज मे काउंसलिंग ना होने से छात्र आक्रोशित हैं। उन्हें कॉलेज के बंद होने का डर सता रहा है और अपने भविष्य की भी चिंता डरा रही है । क्योंकि इंजीनियरिंग कॉलेज में ना तो काउंसलिंग हो रही है और ना ही दाखिले का मसला साफ हो रहा है।
छात्रों ने काउंसलिंग को शुरू कराने की मांग की है। उनका कहना है कि नए छात्रों के दाखिले के लिए काउंसलिंग होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि जी बी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज को स्किल डेवलपमेंट विश्वविद्यालय के तौर पर विकसित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। छात्र-छात्राएं सरकार से लिखित में आश्वासन चाहते हैं कि आखिर जीबी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकार क्या करना चाहती है ।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने के लिए छात्र उनके आवास पहुंचे । मगर उपमुख्यमंत्री से छात्रों की मुलाकात नहीं हो सकी। उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा क्योंकि उपमुख्यमंत्री अपने आवास पर नहीं थे ।उनके पीए से ही मिलकर उन्हें संतोष करना पड़ा। मगर कोई लिखित आश्वासन छात्रों को नहीं मिला। छात्रों का कहना है कि उप मुख्यमंत्री के आवास पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया । केवल 2 छात्र ही मुख्यमंत्री उप मुख्यमंत्री के आवास जा सकें जबकि उपमुख्यमंत्री से उनकी भी मुलाकात नहीं हुई।
आज से 30 अक्टूबर से कई कॉलेजों में काउंसलिंग शुरू हो गई । मगर जी बी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में काउंसलिंग ना होने से छात्र हैरत में है । नए सत्र की पढ़ाई के लिए छात्र दाखिले की भी मांग कर रहे हैं ।फिलहाल छात्रों को कहीं से कोई लिखित आश्वासन नहीं मिल रहा है । आखिर सरकार जी बी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज क्या करने जा रही है । दरअसल सरकार पहले ही दो कॉलेजों अपने सरकारी फरमान के तहत काम कर चुकी है । उनका नतीजा है कि जहां छात्र ₹4 0 हजार फीस देते थे। वही अब उन दोनों कॉलेजों में फीस ढाई लाख रुपए तक पहुंच चुकी है।
ऐसे में छात्र चाहते हैं कि सरकार इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला बंद ना करें । सरकार जो भी करना चाहती है छात्रों को विश्वास में लेकर किया जाए ।फिलहाल देखना होगा दिल्ली सरकार क्या कदम उठाती है । लेकिन जिस तरह से हालात बने हैं ऐसे में छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सवाल भी उठा रहे हैं कि सरकार उन्हें बिना विश्वास में लिए कोई कदम क्यों उठाने जा रही है ?