नारी

नारी
लेखिका नाज़िया हसन
भारत की नारी हूं
कोमल हूं कमजोर नहीं
पल में तोला शोला पल में शबनम
ताकत की बौछार हूं
अंगारों की आग हूं
धरती की लाल हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं, कमजोर नहीं
जो जीत सकूं,वो जंग हूं
जो काट सके वो तलवार हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हू,कमजोर नहीं
देश की शान हूं
मां की आन हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं,कमजोर नहीं
बिजली हूं,बारिश नहीं
शांति हूं,अशांति नहीं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं,कमजोर नहीं
दुश्मनों को जो मात दे
वो हथियार हूं
धरती की शान हूं
देश की जान हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं,कमजोर नहीं
आज और कल में जीती हूं
देश का भविष्य बनाती हूं
क्योंकि मैं एक मां हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं,कमजोर नहीं
धरती की लाज हूं
आसमान की गरज हूं
जो हार को जीत में बदल दे
मैं वो दो धारी तलवार हूं
भारत की नारी हूं
कोमल हूं,कमजोर नहीं!!