1 साल का हुआ जनता कर्फ्यू, कोरोना अभी भी जिंदा है,

पीएम नरेंद्र मोदी
1 साल का हुआ जनता कर्फ्यू, कोरोना अभी भी जिंदा है,
दीपक नारंग, संपादक, साउथ एशिया 24*7,
22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी। आज 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का 1 साल पूरा हो गया है । जनता कर्फ्यू से आज तक देश और दुनिया में सिर्फ और सिर्फ कोरोना की ही चर्चा है आखिर कोरोना का अंत कब होगा?
कोरोना का देश में पहला केस 30 जनवरी2020 को आया था धीरे धीरे कोरोन अपना पैर पसार रहा था कोरोना से देशवासियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया । देशवासियों को फिलहाल जनता कर्फ्यू के बारे में बहुत जानकारी नहीं थी लेकिन वक्त के साथ-साथ उन्होंने बहुत कुछ सिखाता गया । जनता कर्फ्यू लगने के साथ देश में कौतूहल और डर का वातावरण भी देखने को मिला। जगह-जगह लोग कोरोना के बारे में जानकारी हासिल करते रहे । जो जहां थे वहीं रुक गये। क्या बस, क्या ट्रेन, क्या हवाई जहाज क्या स्कूल, क्या कॉलेज, क्या मार्केट सब कुछ पूरी तरह से बंद हो गई। आम इंसान अपने घरों में बैठ गए
कोरोना से बचने का कोई उपाय नहीं था हर कोई यही जानना चाहता था कि आखिर कोरोना से बचा जा सकता है
मगर कोरोना 1 साल में बहुत कुछ सिखाया गया। कोरोना ने सिखाया कि संकट काल के दौरान अपने ही अपना साथ दे सकते हैं। भागम भाग की जिंदगी में लोग जहां अपनों को भूल गए थे वही जनता कर्फ्यू के दौरान लोग अपने घरों पर रहकर अपनों को याद करने लगे। कोरोना से बचने के लिए शहरों को छोड़कर अपने वीरान पड़े घरों को वापस लौट आए। सिर्फ भागमभाग की जिंदगी नहीं है आप कुछ वक्त अपने लिए भी निकालें और अपने बारे में भी विचार मंथन करें।
सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, क्वॉरेंटाइन और जनता कर्फ्यू के साथ कई नए शब्द भी हमें सुनने को मिले । ऐसा भी दौर आया कि जब दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत श्री कृष्णा जैसे सीरियल की शुरुआत हो गई। लोगों के घरों में एक बार फिर रामायण व महाभारत की सीरियल की आवाज सुनाई पड़ने लगी । लोगों का पूरा रहन-सहन व जीवन स्तर ही बदल गया बाजार सिर्फ 2 घंटे के लिए खुलती थी
अपने पराए का ख्याल ना करके लोग मानवता के काम में भी जुट गए, राशन भी बांटा ,खाना भी खिलाया लोगों की सेवा भी की।
इतनी तरक्की करने के बाद हम पैदल हो गए और रातों-रात लोग शहर छोड़कर पैदल ही अपने गांव को चल पड़े सड़कें वीरान थी गाड़ियां बहुत कम चलती थी लोग अपने घर को निकल पड़े ।
कोरोना ने जो सिखाया यही है कि आप जो कुछ है उसमें संतोष रखिए, अपनों के साथ रहिए ,कुछ पल अपने लिए भी निकालिए, मानवता की सेवा कीजिए, क्योंकि यह जिंदगी बहुत लंबी नहीं है। हमारा काम हमें याद रखेगा। उम्मीद है कि आने वाला दौर कोरोना से मुक्ति दिलाएगा । पूरी दुनिया एक दिन कोरोना से मुक्त हो जाएगी और हमारा जीवन एक बार फिर पटरी पर लौट आएगा।