बच्चों को वर्चुअल दुनिया से रखेें सावधान, बच्चोंं को टेक्नोलॉजी का ना होने दे शिकार

बच्चों को वर्चुअल दुनिया से रखेें सावधान, बच्चोंं को टेक्नोलॉजी का ना होने दे शिकार
By पारुल जोशी
किसी ने खूब कहा है कि हर ताले के लिए कोई न कोई होता है जो उसे तोड़ने कोशिश करता है। जी हां हम बात कर रहे हैं कि आज के आधुनिक जीवन शैली की जिसमें मोबाइल की उपयोगिता और अनुपयोगिता शामिल हैं । आधुनिक टेक्नोलॉजी इंसान के जीवन में इस क़दर से शुमार हो रही है कि इंसान अपने मानवीय गुणों को दरकिनार करता चला जा रहा है ।
हाल के सर्वेक्षण के अनुसार बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध अनुपात 2019 में धीरे-धीरे 4.5 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 7% हो गया है। इंटरनेट पर निर्भरता ने न केवल बच्चों को लाभ दिया है, बल्कि यह लत उन्हें हैकिंग, धोखाधड़ी जैसे कई सोशल नेटवर्किंग अपराधों के गुनहगार मानी जा रही है फर्जी प्रोफाइल बनाना और ऑनलाइन दोस्त बनाना वर्चुअल वर्ल्ड के टूल्स बन चुके हैं। ऐसे में अभिभावकों को सतर्क चौकस रहने की जरूरत है साथी बच्चों की फ्रेंड सर्किल कैसी है उस पर भी चौकन्ना रहना होगा क्योंकि युवावस्था में बच्चों को वर्चुअल दुनिया के फ्रॉड और इसके मिस यूज के बारे में जानकारी नहीं होती और वह भी बेकसूर होकर भी अपराध कर जाते हैं।
हालांकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में ऑनलाइन का बिजनेस काफी बढ़ा है चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, नेटवर्किंग का क्षेत्र हो, ऑनलाइन मीटिंग, वर्चुअल क्लास और ऑनलाइन पढ़ाई क्रेज बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा है कि बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के मानदंडों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
क्योंकि कई ऐसे ऑनलाइन गेम सामने आये। जिसको लेकर पूरी दुनिया में तहलका मच गया है चाहे ब्लू व्हेल का गेम रहा हो या फिर टारगेट गेन करने का गेम हो , मासूम बच्चों के लिए किसी मानसिक अपराध से कम नहीं रहा। फिलहाल केंद्र सरकार इस तरह के गेम पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी हैं।
कुछ खेल ऐसे हैं जिनके बच्चे आदी हो जाते हैं और उनकी जीवन शैली को प्रभावित करते हैं। बच्चे अभिभावकों के साथ बैठकर बात करने के बजाय ऑनलाइन गेम में अधिक तल्लीन रहते हैं। हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार 91% बच्चे ऑनलाइन गेमिंग और कई संबंधित गतिविधियों में लगे हुए हैं।
लॉकडाउन के दौर में बच्चे घर पर हैं और वे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे युवा वीडियो देखना पसंद कर रहे है जिससे वे अपनी उम्र की तुलना में अधिक परिपक्व रूप से सोचने और काम करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
फिलहाल अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी टेक्नोलॉजी में जहां अच्छाई है कुछ बुराई भी है बेहतर होगा कि अभिभावक सही तरीके से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में अपने नौनिहालों की मदद करें