तोटकाचार्य गुफा ज्योतिर्मठ में चल रही चातुर्मास व्रत हरि कथा

तोटकाचार्य गुफा ज्योतिर्मठ में चल रही चातुर्मास व्रत हरि कथा
ब्यूरो रिपोर्ट
तोटकाचार्य गुफा ज्योतिर्मठ में चल रहे चातुर्मास व्रत के अंतर्गत तृतीय दिवस की कथा में ब्रह्मचारी मुकुंद आनंद ने भक्ति के महत्व का वर्णन किया ।उन्होंने बताया कि मुक्ति को दासी के रूप में भगवान श्री हरि ने भक्ति को दिया था। यदि आप भी मुक्ति चाहते हैं तो भक्ति को अपने हृदय में बसा लीजिए । जैसे ही भक्ति महारानी आपके हृदय में बस जाएगी ।
निश्चित रूप से मुक्ति की प्राप्ति आपको हो जाएगी। आगे का वर्णन करते हुए उन्होंने सनकादि ऋषि और नारद जी के संवाद को बताया कि किस प्रकार वृद्धावस्था को प्राप्त हुए भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य श्रीमद् भागवत कथा के अमृत श्रवण से कैसे तरुण अवस्था को प्राप्त हो जाते हैं ।
कथा मंडप में ही भक्ति माता नृत्य करने लगती है । कलयुग में सर्वोत्तम साधन यदि कुछ है तो वह भक्ति है ।
ना तप ,ना योग, ना ध्यान, समाधि, ज्ञान भक्ति के सामने सब छोटे पड़ जाते हैं इसलिए प्रत्येक मानव को भक्ति करनी चाहिए । कल की कथा में गोकर्ण उपाख्यान होगा ।