डीएलएड बेरोजगारों ने कीचड़ भरे परिसर में गुजारी रात , शासन-प्रशासन मौन

डीएलएड बेरोजगारों ने कीचड़ भरे परिसर में गुजारी रात , शासन-प्रशासन मौन
By अमित गिरी गोस्वामी
डायट डीएलएड प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय के कीचड़ भरे परिसर में रात गुजारने को मजबूर हैं उन्होंने अपने धरना प्रदर्शन को जारी रखा है
प्राइमरी स्कूलों में भर्ती की मांग को लेकर डायट डीएलएड प्रशिक्षण 6 अगस्त से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 13 अगस्त की रात को डीएलएड बेरोजगारों ने शिक्षा निदेशालय के कीचड़ भरे परिसर में सोकर रात गुजारी अपने धरना प्रदर्शन को जारी रखा
बेरोजगारों का कहना है जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती वे अपने धरना प्रदर्शन को समाप्त नहीं करेंगे ।लगातार धरना प्रदर्शन जारी है ।
12 अगस्त को भी बेरोजगारों ने गांधीगिरी दिखाते हुए परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया था सरकार से प्राइमरी स्कूलों में भर्ती की मांग कर रहे हैं सचिव विद्यालयी के साथ में बेरोजगारों के शिष्टमंडल की मुलाकात भी हुई थी शासन ने उन्हें भर्ती का आश्वासन दिया है ।
आपको बता दें कि 2017 में डीएलएड के लिए सरकार ने परीक्षा कराई थी जिसमें तकरीबन 70,000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 650 अभ्यर्थी परीक्षा में पास हुए थे सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 650 अभ्यर्थियों का डायट डीएलएड कोर्स करवाया ।
2 साल तक सभी ने कोर्स किया ₹35000 सालाना फीस भी दी गई । जब 2019 में डीएलएड पूरा हो गया तो सरकार ने टीईटी की परीक्षा कराई ।
जिसमें से 650 अभ्यर्थी परीक्षा में पास हो गए इस समय 519 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो डीएलएड कर चुके हैं और अपनी भर्ती की मांग कर रहे है। बाकी अभ्यर्थियों का चयन अलग-अलग सेवाओं में हो चुका है।
मगर जिस तरह से शासन का रवैया है इससे बेरोजगार काफी आक्रोशित हैं उनका कहना है कि सरकार ने बीच में कई तरह के नियमों में बदलाव कर दिया मामला कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय के परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं अब देखना होगा सरकार उनकी मांगों के बारे में क्या फैसला करती है?
मगर इतना जरूर कहा जा सकता है कि अभ्यर्थियों के बारे में शासन को फैसला करना होगा क्योंकि यह उनके भविष्य से जुड़ा प्रश्न है ।