पुरानी पेंशन व्यवस्था व अन्य मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने भरी हुंकार ,सरकार से आरपार की लड़ाई को तैयार शिक्षक

पुरानी पेंशन व्यवस्था व अन्य मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने भरी हुंकार ,सरकार से आरपार की लड़ाई को तैयार शिक्षक
ब्यूरो रिपोर्ट
पुरानी पेंशन व्यवस्था के साथ दूसरी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने 14 सितंबर को धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है ।जिसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है ।एक अहम बैठक करके पदाधिकारियों ने जिम्मेदारी सौंपी है जिससे धरना प्रदर्शन को कामयाब बनाया जा सकें।
ब्लाक मंत्री पंकज पाण्डेय ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश नेतृत्व जिन मजबूत कंधों पर है ऐसे कुशल रणनीतिकार अध्यक्ष डा दिनेश चन्द्र शर्मा के आवाह्न पर प्रदेश के समस्त ब्लाक मुख्यालय/ बीआरसी पर दिनांक 14सितम्वर 21को एक दिवसीय धरने का आयोजन किया जाना सुनिश्चित हुआ है। धरने में इस बार शिक्षा मित्र,अनुदेशक ,रसोईया, आंगनबाड़ी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से सम्बंधित अहम मुद्दों को समाहित करते हुए शिक्षक कर्मचारी अधिकारी जनों से सम्बंधित पुरानी पेंशन, मृतकाश्रित नियुक्ति, बीमा, स्थाईकरण, प्रमोशन, आकांक्षी ब्लाक व जनपद स्थानान्तरण जैसे ज्वलंत मुद्दों सहित अपनी मांगों को मनवाने के लिए संगठन के पदाधिकारी धरने पर बैठेंगे।
आपको बता देें कि केन्द्र प्रधानमंत्री स्व .अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्रित्व काल में पुरानी पेंशन व्यवस्था खत्म कर अप्रैल 2005के पश्चात नियुक्ति प्राप्त समस्त कर्मचारियों को एनपीएस यानी नवीन पेंशन स्कीम में ला दी है। चूंकि कोरोनो काल व एस्मा लागू होने के चलते सरकारी कर्मचारी धरने पर नहीं जा सकेेे।
पिछले 02वर्षो से ऐसे में केन्द्र व राज्य में पुन: चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं कर्मचारियों ने भी अपनी मांगों के सापेक्ष धरने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है प्राथमिक शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के मूड में है 14 सितंबर को धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है ।इससे पठन-पाठन पर जहां असर पड़ सकता है। वही सरकार के सामने एक बार फिर चुनौती भी बढ़ सकती है ।
कोविड-19 के बाद प्राथमिक शिक्षक का यह पहला बड़ा धरना प्रदर्शन होगा ऐसे में देखना होगा सरकार शिक्षक संघ की मांगों के बारे में क्या फैसला करती है ? मगर एक बात तो तय है कि अब प्राथमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन व्यवस्था के साथ दूसरी मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में है क्योंकि प्रदेश में 2022 में ईलेक्शन होने जा रहा है ऐसे में लोहा गरम है भला इसको पीटने से कौन चुकना चाहेगा ?