नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर लगी रोक को हटाया ,राहत

नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर लगी रोक को हटाया
ब्यूरो रिपोर्ट नैनीताल
2019 के मद्देनजर नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर रोक लगाई थी फिलहाल आज हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान ने यात्रा पर लगी रोक को हटाने के आदेश दिए।
नैनीताल हाईकोर्ट के चार धाम यात्रा पर लगी रोक हटाने के फैसले पर होटल व्यवसायियों पर्यटन से जुड़े कारोबारियों स्थानीय लोगों ने खुशी जताई है । चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आजीविका के तौर पर रहती है ।
देश और प्रदेश से लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं जो यहां की आमदनी का मुख्य स्रोत है बद्रीनाथ ,केदारनाथ ,गंगोत्री यमुनोत्री हेमकुंड साहिब में हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं मगर कोविड 19 के चलते सरकार ने यात्रा शुरू करने का फैसला किया था।
फिलहाल हाईकोर्ट ने यात्रा पर रोक लगा दी थी आज नैनीताल हाई कोर्ट में सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया जिसके बाद कोर्ट ने यात्रा को शुरू करने का आदेश दिया है यात्रा शुरू होने की खबर से तीर्थ पुरोहित खुश है उम्मीद की जा रही कि आने वाले दिनों मेंं यात्रा एक पटरी पर लौटेगी और आजीविका का साधन लोगों के लिए बनेगा।
महत्वपूर्ण बात यही है कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा से हर साल तकरीबन 12000 करोड रुपए का कारोबार होता है जो स्थानीय व्यवसायियों के लिए बहुत बड़े आमदनी का स्रोत है
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार को ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर रोक हटाने की मांग की। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। महाधिवक्ता का कहना था कि चारधाम यात्रा का मुख्य अजीब का का स्रोत है.।