पौधरोपण ही पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए है बहुत जरूरी है

पौधरोपण ही पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए है बहुत जरूरी है
By सोहन सिंह चमोली
जनपद चमोली के जिला कारागार पुरसाडी के परिसर में समळौंण आन्दोलन के तहत आंवला, जामुन व संतरा के तीन समळौंण पौधों का रोपण सम्पूर्ण कारागार के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने किया।
कार्यक्रम का संचालन समळौंण आन्दोलन की संयोजिका कुमारी नंदा गौड़ ने किया उन्होंने कहा समळौंण पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक अनोखी पहल है जो एक पहाड़ी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ याद से है। जिसमें हर संस्कारों के उपलक्ष में समळौंण पौधारोपण का कार्य किया जाता है।
नंदा गौड़ का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण से पर्यावरण संतुलन बरकरार रहता है। ऐसे में आम लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। पर्यावरण के संरक्षण पर फोकस किया जा सकता है। जिस तरह से फलदार वृक्ष हम लगाते हैं और उसके फल जीव जंतु के साथ मानव प्राणी खाते हैं उन पेड़ों के साथ हमारे याद जुड़ी रहती है। उनका कहना है कि पेड़ों को भी अपने पूर्वजों के नाम से हमें याद रखना चाहिए।
लेकिन पूर्वजों ने हमारे पेड़ो को लगाया था । उनका कहना है प्राचीन काल में पेड़ो के नाम पूर्वजों के नाम के साथ जुड़े रहते थे ऐसी परंपराएं देश के कई क्षेत्रों में देखने को मिली है जिस तरह से पर्वतीय क्षेत्रों में प्रकृति संवर्धन को लेकर कई बड़े आंदोलन हुए हैं और इस कड़ी में आप लोगों का सहयोग मिला है ।आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज करने की जरूरत है। जिससे देश और प्रदेश के लोग इस अभियान के साथ जुड़ सकें। पर्यावरण संवर्धन संरक्षण की दिशा में जन सहभागिता ही सबसे ज्यादा जरूरी है।
प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडे ने कहा यह एक अनोखी पहल है। मानव पर्यावरण के प्रति सजग रहेगा तो प्राकृतिक संतुलन नहीं बिगड़ेगा ।इसलिए हमें धरती को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षों का रोपण करना चाहिए। कार्यक्रम में बंदी रक्षक दीपक सती,राजेश डिमरी,प्रशांत पंत, सुनील रावत, सुभाष बिष्ट, विनोद, तेजपाल, प्रेमानंद जोशी आदि कर्मचारी उपस्थित थे।