दिल्ली सरकार ने दाखिल किया हलफनामा रखे अपने पक्ष

दिल्ली सरकार ने दाखिल किया हलफनामा रखे अपने पक्ष
By बृजेश पांडे
अपने दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली मास्टर प्लान-2001 में ‘पड़ोस खेल क्षेत्र’- खेल सुविधा केवल तकनीकी रूप से मनोरंजनात्मक उपयोग क्षेत्र के अंतर्गत थी। इसलिए, इसे जोन ‘डी’ में रखा गया था और अब MPD-2021 में मनोरंजनात्मक उपयोग क्षेत्र में ‘पड़ोस खेल क्षेत्र’ के रूप में कोई नामकरण नहीं है। हलफनामे में केंद्र सरकार ने आगे कहा है कि मनोरंजक उद्देश्यों के लिए कई क्षेत्रों को केंद्र द्वारा स्वतः संज्ञान में जोड़ा जा जाता रहा है
गौरतलब पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिका पर जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता राजीव सूरी ने कोर्ट में कहा था कि सेंट्रल विस्टा के प्लॉट नंबर एक का इस्तेमाल रिक्रिएशनल सुविधाओं के लिए होना था लेकिन इसका इस्तेमाल आवासीय के लिए किया जा रहा है। इसके जवाब में केंद्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वो तीन दिनों के अंदर इसका जवाब दाखिल कर देंगे और सरकार से निर्देश लेंगे. उन्होंने कहा कि उनका विचार है कि संसद का निर्माण चल रहा है, जिसमें राष्ट्रपति भवन और उपराष्ट्रपति भवन भी शामिल हैं. ऐसे में सुरक्षा क्षेत्र में रिक्रिएशनल एरिया संभव नहीं हो सकता है।
आपको बता दें कि याचिका में आरोप लगाया गया है कि भूमि उपयोग में अवैध परिवर्तन की अधिसूचना से दिल्ली के निवासियों को सामाजिक और मनोरंजक गतिविधियों के लिए उपलब्ध सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में अत्यधिक क़ीमती खुले और हरे भरे स्थान से वंचित कर दिया गया है।