5 लाख के इनामी बदमाश गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने किया ढेर, कुख्यात पर दर्ज थे 50 मुकदमे

5 लाख के इनामी बदमाश गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने किया ढेर, कुख्यात पर दर्ज थे 50 मुकदमे
ब्यूरो रिपोर्ट
5 लाख के कुख्यात इनामी बदमाश गौरी यादव का उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ चित्रकूट में एनकाउंटर हुआ जिसमें कुख्यात बदमाश मारा गया। एसटीएफ ने कुख्यात के पास से एके-47 और कई असलहे बरामद किए हैं । पिछले 9 साल से कुख्यात बदमाश पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही थी रंगदारी चोरी डकैती बलवा मारपीट हत्या जैसे संगीन अपराधों में गौरी यादव शामिल था एनकाउंटर में मारे जाने से गौरी यादव के आतंक का अंत हो गया ।
ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया और बबुली कोल के इनाम वाली श्रेणी में गौरी यादव शामिल था । डाकू पर यूपी और एमपी में हत्या अपहरण, फिरौती मांगने, सरकारी काम में बाधा डालने के लगभग 50 मामले दर्ज थे। डाकू गौरी जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बेलहरी गांव का निवासी था कुख्यात ददुआ व ठोकिया का जब आतंक रहा है तभी से गौरी भी उनके संपर्क में आ गया था। ढाई साल की उम्र में गौरी के पिता की मौत हो गई। इसके बाद उसने कक्षा दस की पढ़ाई की थी डकैती फिरौती रंगदारी चोरी हत्या बलवा मारपीट जैसे संगीन अपराधों में गौरी यादव का नाम था ।
यूपी और मध्य प्रदेश की पुलिस लगातार गौरी यादव के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चला रही थी। 21 साल पहले 2000 में वह ददुआ व ठोकिया गैंग में काम करता था।2005 में यह पुलिस की निगाह में तब चढ़ा जब नयागांव थाना मप्र और मारकुंडी थाना चित्रकूट में अपहरण कर फिरौती मांगने, फायरिंग कर दहशत फैलाने और गांव में घुसकर मारपीट करने का पहला मामला दर्ज हुआ।
ददुआ ने जब कुछ गौरी के स्वाजातीय लोगों की हत्या की तब से वह दूरी बनाने लगा। ददुआ और ठोकिया के मारे जाने के बाद इसने सन 2009 में आत्मसमर्पण कर दिया था। जेल से छूटने के बाद वह गांव में ही रहता था तो सन 2012 में दिल्ली से एक चोरी मामले की तफ्शीश कर चोर को पकड़ में आया। दरोगा को गोली मारकर फिर से बीहड़ में कूद गया। तब से यह लगातार पुलिस के लिए सिरदर्द बना था।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने आज 3:30 और 4:30 के बीच में चित्रकूट में एक ऑपरेशन चलाया जिसमें गौरी यादव एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात के पास से एके-47 के साथ दो देसी फसलें भी बरामद हुए हैं मध्य प्रदेश पुलिस ने 50000 का उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹500000 का इनाम घोषित किया था 2012 से लगातार पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।