शीतकालीन के लिए 20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट होंगे बंद ,विधि विधान के साथ हुई आरती

शीतकालीन के लिए 20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट होंगे बंद ,विधि विधान के साथ हुई आरती
By सोहन सिंह
भगवान बदरीविशाल की पंच पूजाओं के अंतर्गत आज मां लक्ष्मी की पूजा तथा उन्हें श्री बदरीनाथ मंदिर आने की प्रार्थना की गयी।रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मां लक्ष्मी माता को स्त्रेण भेष में बुलावा भेजा। कल 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन हुआ तथा शीतकाल हेतु वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो गया।
इस अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल एवं आचार्यगण तथा सुनील तिवारी, राजेन्द्र चौहान, भूपेंद्र रावत, डा. हरीश गौड़, संजय भट्ट, कृपाल सनवाल, हरीश जोशी सहित तीर्थयात्री मौजूद रहे। आज बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मंदिर पहुंचे। कपाट बंद के अवसर हेतु मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंच पूजाओं के पहले दिन 16 नवंबर को प्रात: से श्री गणेश जी की पूजाएं तथा शाम को गणेश जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये 17 नवंबर को श्री आदि केदारेश्वर भगवान के कपाट बंद हुए। कल 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन हुआ। कल 20 नवंबर शनिवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे
20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के पूरे विधि विधान के साथ कपाट बंद हो जाएंगे शीतकालीन में अब जोशीमठ में पूजा अर्चना की जाएगी।
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पहले आरती पूजन और विधि विधान के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू होता है इसके बाद कपाट बंद किए जाते हैं।
महत्वपूर्ण बात है कि उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब के साथ अन्य धार्मिक स्थल है। जहां देश-विदेश के लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी को पटरी पर लाने में बहुत बड़ा योगदान देती है
ऐसे में उत्तराखंड राज्य को धार्मिक यात्राओं से आर्थिक सामाजिक लाभ मिलता है बरहाल 20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद हो जाएंगे।