देवस्थानम बोर्ड भंग, उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला

देवस्थानम बोर्ड भंग, उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला
ब्यूरो रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने कृषि कानून को वापस लिया वहीं प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है हक हकूक धारी पिछले 2 साल से लगातार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
आज उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ए एन आई न्यूज एजेंसी को दिए बयान में कहा कि देवस्थानम बोर्ड को फिलहाल भंग कर दिया है।
आपको बताएं कि प्रदेश की सरकार ने 30 नवंबर का वक्त मुकर्रर किया था कि आज बड़ा फैसला कर सकती है फिलहाल प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है तीर्थ पुरोहितों की मांग के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक कमेटी का का गठन किया था भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्रियों की एक उप समिति बनाई कुछ समिति ने मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट की स्टडी की। सरकार ने देवस्थान बोर्ड को भंग कर दिया है ।
आपको बता दें कि बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे 1 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था मगर उसके पहले प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया।
देवस्थानम बोर्ड का गठन दिसंबर 2019 को हुआ था इसमें कुल 51 मंदिरों को शामिल किया गया था। तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के गठन से लेकर लगातार विरोध कर रहे थे देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही थी ।और कांग्रेस पार्टी ने भी ऐलान किया था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार आती है तो देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा ।
2022 के विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने बड़ा फैसला किया है आपको बता दें कि 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भी होने जा रही है और ऐसे में देवस्थानम बोर्ड को प्रदेश सरकार ने रैली के पहले भंग कर दिया है।