गोपेश्वर काव्य महोत्सव में दीपक सती प्रसाद को मिला सम्मान।

बुलंदी साहित्यिक संस्था के द्वारा आयोजित गोपेश्वर काव्य महोत्सव में कई कवियों नें भाग लिया। जिसमें राज्य के विभिन्न जनपदों से आये कवियों के द्वारा काव्य पाठ किया गया।संस्था के संस्थापक बादल बाजपुरी के द्वारा सभी कवियों को सम्मान पत्र प्रदान किया गया।
युवा कवि दीपक सती प्रसाद के द्वारा सम्मेलन में हाल ही हैलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए CDS विपिन रावत और अन्य जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारतीयों सैनिकों को समर्पित राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कविताएं पढ़ी।
साथ ही इस अवसर पर कलम क्रांति साहित्यिक मंच की संस्थापिका कवयित्री शशि देवली , पूर्व जिला पंचायत सदस्य ऊषा रावत, विकासखंड घाट की ब्लाक प्रमुख भारती देवी, भगत सिंह राणा हिमाद , कार्यक्रम प्रभारी गीता मेंदोली,वंदना मेंदोली आदि उपस्थित थे।
गोपेश्वर में आयोजित कवि सम्मेलन में साहित्य के साथ देश प्रदेश की ज्वलंत मुद्दों पर भी कवियों ने व्यंग कविताओं के जरिए प्रहार किया।
कहते हैं कि साहित्य समाज का आईना होता है जिस तरह से लोकतंत्र में एक साधारण से साधारण व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार होता है उसी तरह से साहित्य में छोटी सी छोटी बातों को भी कवि कल्पनाओं और साहित्यिक मर्यादाओं के साथ रखते हैं।
छायावादी हास्य व्यंग साहित्यिक रस का व्याख्यान कविताओं के माध्यम से कवियों ने किया । सत्ता के करीब रहकर सत्ता पर प्रहार करने का काम किया है जिस तरह से वीर रस में वीरता का परिचय मिलता है । सरहद की सुरक्षा को लेकर रणबांकुरों के गौरव गाथा का व्याख्यान करते हैं ऐसे तमाम साहित्यिक रसों का कवि सम्मेलन में देखने को मिला है
साहित्य समसामयिक घटनाओं के आधार पर भी अपनी दिशा को बदलती है हाल में सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद होने पर कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि भी दी ।
कहा जाता है कि साहित्य एक आंदोलन भी है जागृति भी है साहित्य समाज को नई दिशा देने का एक माध्यम भी है इन तमाम बिंदुओं पर कविताओं के जरिए आईना दिखाने का काम कवियों ने किया