बैंकों के निजीकरण के खिलाफ उतरे कर्मचारी, जमकर किया विरोध प्रदर्शन

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ उतरे बैंक कर्मचारी जमकर किया विरोध प्रदर्शन
ब्यूरो रिपोर्ट
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है राजधानी देहरादून के फैसले हॉल पर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर सरकार से बैंकों के निजीकरण ना करने की मांग की।
इस मौके पर भारी संख्या में बैंक कर्मचारी मौजूद रहे उनका कहना है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने बैंकों के निजीकरण का रास्ता बना रही है बैंकों के हित में है ना आम लोगों के हित में है ।
ऐसे में सरकार को बैंकों का निजीकरण नहीं करना चाहिए उनका कहना है कि बैंकों के निजीकरण करने से सरकारी नौकरियों भी समाप्त हो जाएगी और युवाओं के बैंकों में सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगी।
साथ ही उनका कहना है कि बैंकों का निजीकरण किसी के हित में नहीं है ऐसे में केंद्र सरकार को बैंकों के निजीकरण के लिए काम नहीं करना चाहिए बैंक कर्मचारी एकत्रित होकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार से बैंकों निजीीकरण ना करने की मांग की।
आज सेंट्रल बैंक ऐश्ले हॉल पर एक घंटे के प्रदर्शन के बाद घंटाघर तक जुलूस निकाला गया और वापसी सेंट्रल बैंक पर हुई । इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट और ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष कांति चंदोला ने प्रदर्शन स्थल पर आकर अपना समर्थन ब्यक्त किया और सभा को निजीकरण के खिलाफ संबोधित किया ।
सभा और जुलूस का नेतृत्व ufbu के संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल ने किया । सभा को एस एस रजवार, विनय शर्मा, आर पी शर्मा, वी के जोशी, आर सी उनियाल, एल एम बडोनी, राजन पुंडीर, वी के बहुगुणा, पी आर कुकरेती, एम एल नॉटियाल, करण रावत, ए ए सिद्दीकी, निशांत शर्मा, कमल तोमर, आई एस परमार, डी एस तोमर, ओ पी मौर्य, सुधीर रावत, कौशल्या नेगी, विजय गुप्ता, रजत पांडेय, अमरदीप आदि ने संबोधित किया ।