इंद्रमणि बडोनी की जयंती के मौके पर कार्यक्रम हुआ आयोजन

इंद्रमणि बडोनी की जयंती के मौके पर कार्यक्रम हुआ आयोजन
By सोहन सिंह
रा इ का मेलखेत ,चमोली में स्व० इंद्रमणि बडोनी के जन्मदिवस पर लोक संस्कृति दिवस बड़े धूम धाम से मनाया गया।इस अवसर कार्यक्रम की शुरुआत में सर्प्रथम विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य खीम सिंह गड़िया व पी0टी0ए0अध्यक्ष दिनेश चंद्र जोशी तथा ग्राम मेलखेत के प्रधान उर्बि दत्त जोशी ,विद्यालय के समस्त शिक्षको द्वारा स्व0इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण किया गया।
कार्यक्रमो की शुरूआत सरस्वती बन्दना के साथ हुई तद्पश्चात विद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा सदनवार पौराणिक लोक संस्कृति पर्व पर आधारित समूह गीत,लोकगीत -मांगल गीत,लोकनृत्य-झोड़ा,चाँचरी, पाण्डव नृत्य,गढ़वालीएवम कुमाऊनी संस्कृति पर आधारित लोक गीत,लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी।
विद्यालय में अध्यापिका नियति मठपाल , शालीनी बिष्ट के द्वारा कुमाऊनी संस्कृति पर आधारित सुंदर लोक गीत की भी प्रस्तुति दी गयी ।विद्यालय के शिक्षको एवम सदन प्रभारियों के मार्गदर्शन में कुल 6 सदनों के छात्र -छात्राओं के द्वारा इंद्रमणि बडोनी के जीवन मूल्यों पर आधारित पौराणिक लोक संस्कति की सुंदर,आकर्षक प्रदर्शनी आयोजित की गयी ।
छात्रों द्वारा स्थानीय खाद्य पदार्थो से लजीज,आकर्षक व्यंजन कंडाली का साग,भट्ट के डूबके, भांग,बंगजीरे की चटनी,मंडवे के लड्डू,काली दाल के पकोड़े,मंडवे की रोटी, खाजे (चावल के),पूवे,सत्तू,ज्या(पेयपदार्थ),आलू के गुटके,झंगोरे की खीर ,खिचड़ी,घुगते(आटे से ),खजूर,इत्यादि के अतिरिक्त कई गढ़वाली,कुमाऊनी को अपने घरों से बनाकर अपने अपने सदनों की प्रदर्शनी लगायी।साथ ही हस्तशिल्प कला के नमूने-डोके, टोकरी,लकड़ी के खिलौने-गुल्ली-डण्डा,बैट इत्यादि,बर्तन,तांबे के विलुप्त होते बर्तन-बारी,लोटे,गिलास,कांसे की थाली,गिलास,वाद्य यंत्र
ढोल,दमाऊं,हुडका,मुरली,मशकबीन,के अतिरिक्त तमाम पौराणिक विलुप्त होती वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गयी ।कार्यक्रम का उद्देश्य बड़ोनी जी के जीवन मूल्यों पर आधारित पौराणिक लोक संस्कृति का संरक्षण करना था ।उक्त सम्पूर्ण कार्यक्रम अल्प समय मे (23 दिसम्बर को केवल पांचवे वादन के बाद सदन प्रभारियों द्वरा छात्रों को निर्देशित किया)तैयार किया गया।सम्पूर्ण कार्यक्रम तैयार करने में विद्यालय के कर्मठ,कर्तव्यनिष्ठ अध्यापको कविता मर्तोलिया, नियति मठपाल,शालिनी बिष्ट ,शीला राणा, भूपेन्द्र सिंह पाल,भीमसिंह चौहान, त्रिलोक सिंह ,दिनेश गोस्वामी, वीरेंद्र बिष्ट,विनय खंडूरी,महावीर कुमार के सहयोग से एवम प्रभारी प्रधानाचार्य खीम सिंह गड़िया के निर्देशन में सम्पन्न किया गया।