खाकी के इंसान कब दिलाएंगे इंसाफ ? इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है विवाहिता, आरोपी बना रहे हैं दबाव

इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है विवाहिता पुलिस प्रशासन की खामोशी लग रहे हैं सवालिया निशान
खाकी में इंसान से कब मिलेगा इंसाफ ?
प्रदीप शुक्ला गोंडा पिछले
पिछले कई सालों से विवाहिता इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है । मगर पुलिस प्रशासन पीड़िता की गुहार क्यों नहीं सुन रहा ।
आपको बता दें कि कई साल पहले वजीरगंज के नगला गांव निवासी युवती की शादी हुई थी ससुराल पक्ष हमेशा दहेज के लिए उत्पीड़न करते थे और मार पिटाई करते थे जिसके चलते विवाहिता पति ससुर पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के लिए पहले मनकापुर कोतवाली गई।न जहां से उसे डुमरियागंज के थाना इंचार्ज भानु प्रताप सिंह के पास भेज दिया गया वहां भी इंसाफ नहीं मिला इसके बाद थाना वजीरगंज इंचार्ज राकेश कुमार सिंह के पास में भेज दिया गया।
मगर वहां से भी कोई इंसाफ नहीं मिल पाया आरोपी के साथ में पुलिस प्रशासन ने समझौता कराने की कोशिश की और तयशुदा समझौते के मुताबिक धनराशि देने का वादा किया गया पुलिस प्रशासन के सामने समझौते में कोर्ट से मामले को वापस लेने की शर्त रखी गई ।
मगर हैरानी की बात है कि अब आरोपी पहले कोर्ट से मामले को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। तयशुदा धनराशि को नहीं दिया जा रहा है ऐसे में बड़ा सवाल है कि पुलिस प्रशासन भी आरोपियों के साथ मिला हुआ है और पीड़ित के साथ हुए समझौते की धनराशि को दिलाने के लिए कदम नहीं उठा रहा है ।
पीड़िता और उसकी मां को अब इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं पुलिस प्रशासन के साथ दबाव बनाकर तयशुदा धनराशि को भी ना दे और कोर्ट से केस को भी वापस ले लिया जाए क्योंकि आरोपी लगातार पुलिस प्रशासन के साथ मिले हुए हैं और तरह तरह से दबाव बना रहे है पीड़िता एएसपी के साथ पुलिस के कई प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुकी है
मगर बड़ा सवाल यह है कि अगर इसी तरह से खाकी के इंसान आरोपियों के साथ मिलकर काम करेंगे तो पीड़ित को इंसाफ कैसे मिलेगा ?