दलित सियासत का उभरता चेहरा चंद शेखर, बसपा के लिए बना चुनौती

दलित सियासत का उभरता चेहरा चंद शेखर, बसपा के लिए बना चुनौती
ब्यूरो रिपोर्ट
भीम आर्मी के संस्थापक आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम के साथ प्रचार प्रसार कर रहे हैं ।
सोशल मीडिया में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं सबसे महत्वपूर्ण बात है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आजाद समाज पार्टी अपने संगठन को जिस मजबूती के साथ खड़ा कर रही है।
राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि आने वाले दिनों में बसपा कांग्रेस के साथ दूसरे क्षेत्र के दलों के सामने एक नई चुनौती सुधर सकती है।
आज़ाद समाज पार्टी बसपा के लिए सबसे ज्यादा चुनौती खड़ा कर रही है क्योंकि जिस तरह से दलितों के हितों की बात को लेकर चंद्रशेखर आगे बढ़ रहे हैं ऐसे में एससी एसटी आजाद समाज पार्टी के लिए लामबंद हो रहा है जो बसपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ 2027 के विधानसभा चुनाव में आजाद समाज पार्टी बसपा के वोट बैंक में एक बड़ी सेंधमारी कर सकता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि मायावती जिस तरह से सक्रिय राजनीति से धीरे-धीरे दूर हो रही है चंद्रशेखर कांशी राम के मिशन को लेकर जिस तरहसे आगे बढ़ रहे हैं ऐसे में बसपा का वोट बैंक आजाद समाज पार्टी की तरफ खिसक सकता है।
चंद्रशेखर को भले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सिर्फ 2 सीट देने का देने की बात कही हो मगर जिस तरह से आजाद समाज पार्टी का ग्राफ़ बढ़ रहा है आने वाले दिनों में बसपा का वोट बैंक आजाद समाज पार्टी की तरफ मुड़ सकता है क्योंकि चंद्रशेखर आजाद भी अच्छी तरह से जानते हैं कि 2022 का विधानसभा चुनाव उनके लिए एक राजनीति की पहली पाठशाला है।
मगर 2027 का विधानसभा चुनाव में वह पूरे दमखम के साथ उतरेंगे उसके पहले 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है राजनीतिक समीक्षक के भी मानते हैं बसपा सुप्रीमो मायावती भले ही चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी को कोई महत्व नहीं देती है मगर अंदर खाने इस बात की चर्चा है कि आजाद समाज पार्टी बहुजन समाज पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है जिस तरह से चंद्रशेखर का कारवां लगातार बढ़ रहा है यह बहुजन समाज पार्टी के लिए एक खतरे की घंटी है ।
आपको बता दें कि चंद्रशेखर मई 2017 से 2019 में भाजपा के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था मई 2017 में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( रासुका ) के तहत जेल भेजा गया था आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में
2017 में दलितों और सवर्णो के बीच हिंसा हुई थी उस वक्त भीम आर्मी नाम का एक संगठन सामने आया था जिसका पूरा नाम है भारत एकता मिशन भीम आर्मी हैं जिसके संस्थापक चंद्रशेखर है जिन्होंने बाद में आजाद समाज पार्टी का गठन किया आपको बता दें कि पेशे से वकील चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक उभरता हुआ चेहरा है जो आने वाले दिनों में सियासत को एक नया आयाम सकते हैं।