यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने की उठी मांग, पीएम मोदी ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजें चार मंत्री

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने की उठी मांग
प्रदीप शुक्ला
मोतीगंज, गोंडा
यूक्रेन में रूस के हमले के से गोंडा जिले के 4 छात्र फंसे हुए हैं जिन्हें सकुशल वापस लाने की मांग तेज हो गई है मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राओं को सकुशल वापस लाने के लिए कोशिश की जा रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा है ताकि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाया जा सके वही भारतीय जनता पार्टी संगठन के राष्ट्रीय महा सचिव सर्वेश पाठक यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्रों को भारत वापस लाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में पढ़ाई करने गए जिन छात्रों के परिजन सम्पर्क कर रहे है ।
उनको मदद पहुंचाने हेतु निरंतर विदेश मंत्री व भारत सरकार के पास सभी का डाटा भेजा गया है।हमारे संवाददाता से बात करने से पता चला है कि अब तक लगभग 40 विद्यार्थियों का विवरण भारत सरकार व विदेश मंत्रालय को भेजा जा कर उन्हें वापिस लाने का काम किया है आगे भी जिन बच्चों के परिजन संपर्क करेंगे उनकी पूरी डिटेल भारत सरकार के विदेश मंत्री को भेजी जायेगी, । उन्हें वापिस आने में होने वाली सभी दिक्कतों से तत्काल संपर्क करके एंबेसी के माध्यम से राहत पहुंचाई जायेगी
उन्होंने बताया कि विदेश में फंसे बच्चों को भारत वापस लाने में मुख्य रूप से आलोक शुक्ला पूरी तन्मयता के साथ संपूर्ण उत्तर प्रदेश का कार्य देख रहे हैं। विद्यार्थियों को लाने में सरलता पूर्वक कार्य कर रहे हैं, आलोक शुक्ला के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष अश्वनी मणि त्रिपाठी आई.टी के संयोजक गौरव शर्मा, अशोक कुमार सिंह सहित कार्यालय प्रभारी कृष्णा सहित पूरी टीम कार्य कर रही है।
आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला किया था यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों पर रूस कब्जा करता जा रहा है यूक्रेन में भारत के हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं जिन्हें पोलैंड हंगरी रोमानिया और बुखारेस्ट जैसे देशों से वापस लाने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 घंटे में यूक्रेन क्राइसिस को लेकर तीन महत्वपूर्ण मीटिंग की है चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा गया है जिसे आसानी से वहां फंसे छात्र-छात्राओं को सकुशल वतन वापसी कराई जा सके।