चमोली जिले के लाल बीएसएफ में बने असिस्टेंट कमांडेंट , ग्रामीणों में खुशी की लहर
चमोली जिले के लाल बीएसएफ में बने असिस्टेंट कमांडेंट , ग्रामीणों में खुशी की लहर
By सोहन सिंह
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ करना असंभव नहीं होता। इस बात को साबित कर दिखाया है चमोली जिले के लाल मोहन सिंह बिष्ट ने।
जिले के विकासनगर घाट स्थित लुणतरा गांव के इस युवा ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंट कमांडेट (डीएसपी) बनकर समूचे इलाके का नाम रोशन किया है। बीते सोमवार को आफिसर अकादमी, माउंटआबू में हुई पासिंग आउट परेड में उन्हे असिस्टेंट कमांडेट की पदवी मिली।
लुणतरा गांव निवासी सेवानिवृत असिस्टेंट कमांडेट सुरेंद्र सिह बिष्ट के पुत्र मोहन की शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई।
उसके बाद हाईस्कूल व इंटरमीडिएट, राजकीय इण्टर कालेज, घाट से उत्तीर्ण करने के बाद मोहन बिष्ट ने पीजी कालेज गोपेश्वर (चमोली) से स्नातक एवं परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की ।
मोहन बिष्ट ने भारत ही नही बल्कि विश्व के सबसे बड़े अर्ध सैनिक बल में असिस्टेंट कमांडेट (डीएसपी) का प्रशिक्षण पूरा किया है। दीक्षांत व शपथ ग्रहण समारोह में मोहन को सेना के राजपत्रित अधिकारी बने। मोहन की 06 अगस्त 2017 को इस पद पर नियुक्ति हुई और तभी से इस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे थे।
इससे पहले मोहन को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाते हुए 12 नक्सलियों को मारने पर वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति वीरता मेडल व प्रशस्ति पत्र से नवाजा जा चुका है।
राष्ट्रीय स्तर की पुलिस प्रतियोगिता में भी मोहन ने एक स्वर्ण पदक व एक रजत पदक अर्जित किया है। साथ ही सीआरपीएफ में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हे तीन महानिदेशक मेडल व 12 प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं।
मोहन की इस कामयाबी पर उनकी माता कमला देवी, पिता सुरेन्द्र सिह बिष्ट तथा परिजन व सभी ग्रामीणों के साथ क्षेत्र वासियों मे बेहद खुशी है।
मोहन सिंह बिष्ट के सफलता पर ग्राम वासियों में खुशी की लहर है और उनके माता-पिता को बधाई देने के लिए दूरदराज से लोग पहुंचे हैं जिस तरह से उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट का पदभार ग्रहण किस से सभी लोग खुश हैं