आरजीएसए की राष्ट्रीय समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी विकास को लेकर हुई चर्चा

आरजीएसए की राष्ट्रीय समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी विकास को लेकर हुई चर्चा
ब्यूरो रिपोर्ट दिल्ली
नई दिल्ली में RGSA मार्गदर्शक फ्रेमवर्क की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने फ्रेमवर्क के ड्राफ्ट पर गहनता से विचार विमर्श किया। क्षमता निर्माण, ग्रामीणों की आय बढ़ोतरी की गतिविधि हेतु innovation के क्षेत्रों में राज्यों को flexibility देने पर सहमति बनी ताकि राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताएं व priorities के आधार पर अनुकूल परियोजना प्रस्ताव तैयार हो सकें।
Action Research and Publicity के क्षेत्र में विस्तृत चर्चा हुई । बैठक में निर्णय हुआ कि वित्तीय व भौतिक मानकों को स्पस्ट रूप में फ्रेमवर्क का हिस्सा बनाया जाए।
आधुनिक IT tools के माध्यम से पंचायतों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में अनुसंधान आधारित प्रणाली को प्रोत्साहित करने व विभिन्न राज्यों में Best Practices share पर शोध करते हुए आधुनिक माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि Success Stories replicate करते हुए अपनायी जा सकें।
RGSA में ई- लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। कॉमन सर्विस सेंटर को पंचायत भवन/पंचायत परिसर में स्थापित करते हुए पंचायतों के MIS व IT Applications को CSC के माध्यम से संपादित करने पर समिति द्वारा जोर दिया गया।
वहीं उत्तराखंड के सचिव पंचायती राज एचसी सेमवाल का कहना है कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है इस राज्य में हर संभव आईटी का इस्तेमाल किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में ग्राम पंचायतों की भूमिका को और कितना सशक्त किया जा सकता है। इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी योजनाओं की धनराशि को ही ट्रांसफर किया जा रहा है। इससे पारदर्शिता और बड़ी है उनका कहना है कि उत्तराखंड सरकार की सभी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने की दिशा में पंचायती राज विभाग अपनी सशक्त और जिम्मेदार विभाग की भूमिका को निभा रहा है।
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IRMA, TISS, NIRDPR, IIMs आदि के Young Professionals को Training Faculty के रूप में लिया जाए। RGSA में अनुमन्य budget के अंतर्गत कार्यों के संपादन हेतु आवश्यक मानवशक्ति हेतु उपरोक्त संस्थानों के Young Professionals को Task/activity based Service Level Agreement के रुप में लिया जाए न कि manpower based agreement के रुप में । इस बिंदु पर राष्ट्रीय समिति के सभी सदस्यों द्वारा जोर दिया गया।