श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों का कमाल: उत्तराखंड के सबसे बड़े बोन ट्यूमर की सफल सर्जरी, मरीज का पैर कटने से बचाया
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साउथ एशिया 24×7 एक्सक्लूसिव
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों का कमाल: उत्तराखंड के सबसे बड़े बोन ट्यूमर की सफल सर्जरी, मरीज का पैर कटने से बचाया
देहरादून। राजधानी के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। अस्पताल के अनुभवी सर्जनों ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम देते हुए मरीज के पैर से अब तक के सबसे बड़े बोन ट्यूमर (हड्डी का कैंसर) को सफलतापूर्वक निकाल दिया है। इस जटिल सर्जरी की सबसे खास बात यह रही कि डॉक्टरों ने न केवल कैंसर को जड़ से खत्म किया, बल्कि मरीज का पैर काटने (Amputation) से भी बचा लिया।
अस्पताल के इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए इसे उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया।
बड़े अस्पतालों ने खड़े कर दिए थे हाथ
मरीज ऑस्टियोसारकोमा (हड्डी का कैंसर) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आने से पहले मरीज ने देश के कई बड़े कैंसर अस्पतालों में परामर्श लिया था, लेकिन ट्यूमर का आकार इतना बड़ा था कि डॉक्टरों ने सर्जरी को नामुमकिन बताते हुए केवल कीमोथेरेपी की सलाह दी थी। पैर काटने का डर मरीज और परिजनों के लिए मानसिक आघात जैसा था।
डॉ. अजीत तिवारी और टीम का साहसिक निर्णय
वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की और लिंब-सेल्वेज सर्जरी (पैर बचाने वाली सर्जरी) का निर्णय लिया। सर्जरी से पहले डॉ. रचित आहूजा और डॉ. देबंजन की देखरेख में कीमोथेरेपी के जरिए बीमारी को नियंत्रित किया गया। इसके बाद एक जटिल ऑपरेशन के जरिए ट्यूमर को पूरी तरह निकाल दिया गया।
टीम वर्क से मिली बड़ी जीत
इस सफल सर्जरी में टीम का नेतृत्व डॉ. अजीत कुमार तिवारी (सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने किया, जिसमें डॉ. शिफा (हड्डी रोग विशेषज्ञ) और डॉ. निशिथ गोविल (ऑन्को एनेस्थीटिस्ट) का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
वर्तमान स्थिति:
मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है। सभी टांके हटा दिए गए हैं और सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि मरीज अब बिना किसी सहारे के अपने पैरों पर चलने लगा है।
”यह सर्जरी उत्तराखंड में उन्नत कैंसर उपचार की बढ़ती क्षमता का प्रतीक है। पूज्य श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के मार्गदर्शन से ही हम ऐसे जटिल मामलों को सफलतापूर्वक हल कर पा रहे हैं।”
— डॉ. अजीत तिवारी, वरिष्ठ कैंसर सर्जन
यह उपलब्धि न केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के लिए गौरव की बात है, बल्कि उन मरीजों के लिए भी उम्मीद की नई किरण है जो हड्डी के कैंसर के कारण अपंगता का शिकार होने के डर में जीते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट: साउथ एशिया 24×7, देहरादून
