14 जनवरी को सेना क्यों मानती है दिवस ? पाक को सेना ने चटाई थी धूल,
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रक्षा मंत्री कानपुर में आयोजित सशस्त्र बल के कार्यक्रम में होंगे शामिल
Defence Minister Rajnath Singh bil participate 14th January in Kanpur
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 14 जनवरी, 2024 को वायु सेना स्टेशन, कानपुर में पूर्व सैनिकों की रैली के साथ 8वें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के राष्ट्रव्यापी समारोह का नेतृत्व करेंगे। वह राष्ट्र के प्रति उनके सर्वोच्च बलिदान और देश के प्रति समर्पित सेवा के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे।
10 स्थान पर सेना के बड़े कार्यक्रम होंगे आयोजित
इस वर्ष, यह कार्यक्रम तीनों सेनाओं द्वारा देश भर में 10 स्थानों, श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद और कोच्चि में मनाया जा रहा है।
सिकंदराबाद में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट करेंगे। नई दिल्ली में इस कार्यक्रम का आयोजन मानेकशॉ सेंटर में किया जाएगा और इसमें वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख भाग लेंगे।
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अलग-अलग प्रदेशों में भी कार्यक्रम का किया जाएगा आयोजन
पूर्व सैनिक दिवस को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों से अपने-अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इस दिन को मनाने का अनुरोध किया गया है। कार्यक्रम के दौरान सैनिकों को पदक/स्मारिका/मान्यता प्रमाण पत्र आदि से सम्मानित किया जाएगा। समारोह के हिस्से के रूप में सैनिकों के लिए एक गीत ‘वी फॉर वेटरन्स’ गान भी बजाया जाएगा।
14 जनवरी 1947 को सेना ने अपने शौर्य पराक्रम का दिया था परिचय
सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1953 में भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने वर्ष 1947 के युद्ध में सेना की विजय का नेतृत्व किया था और फिर वे औपचारिक रूप से सेना से सेवानिवृत्त हुए। यह दिवस प्रथम बार वर्ष 2016 में मनाया गया था और तब से हर साल पूर्व सैनिकों के सम्मान में इस तरह के इंटरैक्टिव कार्यक्रमों की मेजबानी करके मनाया जाता है।
उत्तराखंड में 20 कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें पूर्व सैनिक हिस्सा लेंगे दरअसल के फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने 1947 के युद्ध में सेवा के शौर्य पराक्रम और वीरता का जो परिचय दिया था उसको 14 जनवरी को याद किया जाता है । पूर्व सैनिक भी कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।