Calligraphy initiative Dehradun सहायक शिक्षिका पिंकी पंवार सिखा रही है कैलीग्राफी, छात्र छात्रों में उत्साह
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सहायक शिक्षिका पिंकी पंवार सिखा रही है कैलीग्राफी, छात्र छात्रों में उत्साह
ब्यूरो रिपोर्ट
आज के आधुनिक टेक्नोलॉजी के दौर में लेखन क्रिया लुप्त होने के कगार पर है मगर राजधानी देहरादून के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोडा सिरौली रायपुर में छात्र-छात्राएं लेखन क्रिया ( हस्त लिपि) में निपुण हो रहे हैं.
जिसे कैलीग्राफी कहा जाता है।
इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापिका( हिंदी )पिंकी पंवार के कुशल नेतृत्व में छात्र-छात्राएं निरंतर लेखन क्रिया का अभ्यास कर रहे हैं।
पिंकी पंवार का कहना है कि छात्र-छात्राएं निरंतर कैलीग्राफी सीखने के लिए आगे आ रहे हैं और उन्हें लगातार अभ्यास कराया जा रहा है छात्र-छात्राओं में कैलीग्राफी को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
कक्षा 6 से कैलीग्राफी को सीख रहे हैं कैलीग्राफी को सीखने के कई मानक है जिसका लगातार अभ्यास कर रहे हैं आपको बता दें कि कैलीग्राफी को सिखाने में दो ढाई साल का वक्त लगता है।
लेकिन जिस तरह से आज एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैलीग्राफी की प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है ऐसे में छात्र-छात्राओं में उत्साह है कि उनकी कैलीग्राफी एक दिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगी।
जिस तरह से शिक्षिका पिंकी पंवार निरंतर छात्र-छात्राओं को कैलीग्राफी सिखा रही है ऐसे में छात्र-छात्राओं में लगातार लेखन क्रिया में निखार आ रहा है।
पिंकी पंवार का कहना है कि एनसीईआरटी द्वारा आयोजित विषय समर कैंप आयोजित किया ।
कैलीग्राफी सिखाई गई इसके लिए डायट देहरादून मयूर विहार में एक दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की गई ।
आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैलीग्राफी एक बड़ी प्रतियोगिता हो रही है जिसमें युवा प्रतिभाग कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा बनवा रहे है खासतौर से विद्यालय में इस तरह से कैलीग्राफी को छात्र-छात्राएं सीख रहे हैं।
उसमें शगुन मानसी नव्या अंकित आकाश अक्षत ,देव ऋषिका के साथ तेजस्वी बंटी खुशी सिमरन आकृति मोहित पूर्वी वही कक्षा 9 में शगुन वैष्णवी वैष्णवी तो एंजेल सिमरन सोनाक्षी सोनिया अभी कार्तिक प्रियांशु के साथ अन्य छात्र शामिल है।
विद्यालय की शिक्षिका पिंकी पंवार का कहना है कि छात्र-छात्राओं का लेखन सुंदर और आकर्षित बनाने की दिशा में अभिनव पहल की गई है
जिसमें छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और कैलीग्राफी के हुनर को सीख रहे हैं उनका कहना है कि आज तकनीकी युग में भले ही मशीनों के जरिए तरह-तरह की लिखावट देखने को मिल रही हो मगर कैलीग्राफी उन सब से भिन्न है और यह एक बच्चों में अनुशासन और कला प्रेमी बनाने में सहायक सिद्ध होती है।
शगुन ,मानसी, नव्या अंकिता , आकाश ,अक्षित, देव, ऋषिका, कक्षा 7, कक्षा 8 में तेजस्वी ,बंटी ,अक्षरा, खुशी, सिमरन, आकृति, मोहित , पूर्वी कुमेडी कक्षा 9 में शगुन मनवाल , वैष्णवी 1 वैष्णवी 2 ,एंजेल ,सिमरन ,सोनाक्षी, सोनिया, अभी, कार्तिक, प्रियांशु है।
जिसमें रिंगाल के द्वारा बनाई गई कलमो के द्वारा भी बच्चों को लिखना सिखाया जा रहा है। एस.सी.ई.आर.टी द्वारा आयोजित दस दिवसीय समर कैंप में भी शिक्षिका द्वारा कैलीग्राफी सिखाई गई। इनके द्वारा डायट देहरादून, मयूर विहार में भी एक दिवसीय कार्यशाला करवाई गई थी, जिसमें डीएलएड प्रशिक्षकों को कैलीग्राफी सिखाई गई।