उत्तराखंड में शिक्षक संघ ने किया कार्यबहिष्कार, सीधी भर्ती का हैं विरोध, रुकी पढ़ाई
1 min readउत्तराखंड में शिक्षक संघ ने किया कार्यबहिष्कार, सीधी भर्ती का हैं विरोध, रुकी पढ़ाई
ब्यूरो रिपोर्ट
राजकीय शिक्षक संघ ने आज पूरे प्रदेश में प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती को लेकर चाक डाउन किया हुआ है जिससे कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूलों में पढ़ाई बंद हो गई है पूरे प्रदेश में 4:50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद हो गई है राजकीय शिक्षक संघ ने आज के विरोध प्रदर्शन में 24000 से अधिक शिक्षकों के शामिल होने का ऐलान किया है .
चाक डाउन
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह का कहना है कि जिस तरह से 2023 में शिक्षा विभाग के साथ में प्रधानाचार्य के भर्ती को लेकर समझौता हुआ था उसी के आधार पर विभाग को काम करना चाहिए
उनका कहना है कि समझौता की सभी शर्तों को लागू करना चाहिए ताकि शिक्षकों का अहित न हो सके
आपको बता दे कि प्रदेश में शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए विभाग ने आवेदन पत्र जारी किया है जिसकी वजह से शिक्षक आक्रोशित है राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश कुमार का कहना है कि आज पूरे प्रदेश में तकरीबन 24000 शिक्षक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है जिससे कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो गई है
छात्र-छात्रा स्कूल जरूर आए हैं मगर उनकी पढ़ाई नहीं हो रही है क्योंकि शिक्षकों ने चाक डाउन का ऐलान किया है उनका कहना है कि इससे तकरीबन 4:50 लाख छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद हुई है । मगर उन्होंने विभाग से मांग की है कि जल्द उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए उनका कहना है कि 2023 के समझौते को सरकार को लागू करना चाहिए सीधी भर्ती की वजह से शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हो पाएगा इससे शिक्षक आकर्षित है।
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शिक्षकों का कहना है कि विभाग को पहले शिक्षक संघ के साथ में जो समझौता हुआ है उसके आधार पर काम करना चाहिए इस तरह से सीधी भर्ती नहीं करनी चाहिए ।
मगर शिक्षा विभाग अपनी नई भर्ती को लेकर अडिग है ऐसे में एक तरफ जहां छात्र-छात्राओं का भविष्य का सवाल है तो दूसरी तरफ शिक्षकों की मांग का भी प्रश्न है
अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इन पूरे मामलों को लेकर क्या कदम उठाता है
क्योंकि शिक्षक संघ ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस ना मानने का भी ऐलान किया है अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने पर विचार मंथन किया जा रहा है देखना होगा शिक्षा विभाग इस प्रधानाचार्य की भर्ती को लेकर क्या कदम उठाता है ताकि राजकीय शिक्षक संघ की मांग के बारे में भी कोई विचार हो सके।