बालासाहेब ठाकरे की जयंती को शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने मनाया
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बालासाहेब ठाकरे की जयंती को शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने मनाया
ब्यूरो रिपोर्ट
आज संपूर्ण देश में स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि मनाई जा रही है।उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष काजल सिंह द्वारा हिंदू हृदय सम्राट स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस उपलक्ष्य में प्रदेश अध्यक्ष काजल सिंह द्वारा निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड के सभी जिलों में स्वर्गीय बालासाहेब की स्मृति में एक चौराहे का नामकरण स्वर्गीय बालासाहेब के नाम पर किया जाएगा ।
जिसके लिए प्रदेश अध्यक्ष काजल सिंह शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर वार्ता करेंगी और इस लक्ष्य को शीघ्र ही पूर्ण करेंगी।
प्रदेश की सभी मंडल अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्षों द्वारा अपने-अपने जिलों में हिंदू हृदय सम्राट स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे को प्रदेश अध्यक्ष काजल सिंह के निर्देशानुसार भावभीनी श्रद्धांजलि और श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
जिसमें प्रदेश महासचिव यशोदा अग्रवाल ,कुमाऊं मंडल अध्यक्ष श अलका सक्सेना ,अल्मोड़ा जिला अध्यक्ष नेहा बिष्ट, उधम सिंह नगर जिला अध्यक्ष रेणु जुनेजा, देहरादून जिला अध्यक्ष निशा मेहरा, हरिद्वार जिला अध्यक्ष रीना शर्मा ,महानगर देहरादून अध्यक्ष सीता थापा ,नगर अध्यक्ष हरिद्वार नीलम सिंह ,सहसपुर विधानसभा अध्यक्ष मधु रानी ,वार्ड अध्यक्ष नीलम चंदेल, वार्ड अध्यक्ष अंजू ठाकुर एवं समस्त महिला शिव सैनिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित करी।
आपको बता दे कि बालासाहेब ठाकरे एक प्रमुख भारतीय राजनेता थे जिन्होंने शिव सेना की स्थापना की थी, जो महाराष्ट्र में एक प्रभावशाली राजनीतिक दल है.¹ उनका जन्म 23 जनवरी, 1926 को पुणे में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक कार्टूनिस्ट के रूप में की थी. बाद में, उन्होंने अपना अखबार, मार्मिक शुरू किया, जो मराठी भाषा में प्रकाशित होता था.
बालासाहेब ठाकरे की राजनीतिक यात्रा 1966 में शिव सेना की स्थापना के साथ शुरू हुई थी. उन्होंने महाराष्ट्र में मराठी भाषी लोगों को संगठित करने के लिए काम किया और अपनी पार्टी को राज्य की राजनीति में एक प्रमुख बल बनाया. 1995 में, शिव सेना और भाजपा के गठबंधन ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी.
बालासाहेब ठाकरे को उनके उत्तेजित करने वाले बयानों के लिए जाना जाता था, जिसके कारण उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए थे. उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया और 17 नवंबर, 2012 को मुंबई में अपने निवास पर दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली.