चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी चिकित्सा संघ ने उठाई मांग
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चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी चिकित्सा संघ ने उठाई मांग
ब्यूरो रिपोर्ट
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड देहरादून के कार्यालय में ज्ञापन देकर लगभग 9 वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति कनिष्ठ सहायक में न करने एवं जब तक पदोन्नति न हो जाए तब तक मृतक आश्रित के कोटे में लगे अधिसंख्य लिपिकों के पद पर लगे समायोजित न करने तथा कर्मचारियों के पदोन्नति के पद न होने के कारण जो समझौता दो दो बार तत्कालीन महानिदेशकों से कि आई पी एच एस मानकों के तहत वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर पशुपालन विभाग की तर्ज पर लेब सहायक, डॉर्करुम सहायक, ओटी सहायक के पदों पर 50%कोटे में पदोन्नति कर दी जाएगी
जिसका पत्र शासन को भेज दिया गया था किंतु शासन और महानिदेशालय द्वारा उस पर कोई ध्यान न दिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी जाएगी आंदोलन होने की दशा में इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व स्वास्थ्य महानिदेशालय का होगा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश महामंत्री सुनील अधिकारी प्रदेश उपाध्यक्ष नेल्सन अरोड़ा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर ने कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति 2016 अगस्त में संगठन द्वारा 17 वर्षों के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय आने के बाद कराई गई थी किंतु उसके बाद आज तक न तो कनिष्ठ सहायक के पदों पर पदोन्नति नहीं हुई है और क्योंकि लिपिक के पद कम होने के कारण महानिदेशक महोदया से दो दो बार समझौता होने के बाद भी 50%कोटे के तहत आई पी एच एस मानकों के तहत जिन पदों पर पहले से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं
उन पर पदोन्नति दी जाए और इस पदोन्नति से सरकार और शासन पर कोई वित्तीय भार भी नहीं होगा क्योंकि सभी कर्मचारी 2000,2400,2800, ग्रेड पे ले रहे हैं और वो पद ही 1900ग्रेड पे के हैं किंतु स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्ग को पदोन्नति वेतनमान, पदोन्नति दे दी गई और नई नियुक्ति भी हो गई हैं किंतु स्वास्थ्य विभाग के सबसे छोटे संवर्ग चर्तुथ श्रेणी कर्मचारियों को आज तक पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है जो कि संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा जल्द ही आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत, प्रदेश उपाध्यक्ष गुरुप्रसाद गोदियाल, प्रदेश संगठन सचिव छत्रपाल सिंह, जिला मंत्री देहरादून ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मांग वर्षों से चली आ रही है कि नर्सेस संवर्ग की भांतिचतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मरीजों के संपर्क में रहने पर पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाना और कर्मचारियों के जोखिम को देखते हुए जोखिम भत्ता दिया जाना न्यायोचित होगा किंतु यह मांग भी आज तक पूर्ण भी की गई है जबकि माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने मांगो के निस्तारण करने के लिए आदेश किए जाने के बाद भी आज तक मांगों पर कार्यवाही नही हुई है तो आंदोलन ही विकल्प बचता है।.