द्वाराहाट महाविद्यालय में एंटी रैगिंग सेल की महत्वपूर्ण बैठक: सद्भाव और सुरक्षा पर ज़ोर
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द्वाराहाट महाविद्यालय में एंटी रैगिंग सेल की महत्वपूर्ण बैठक: सद्भाव और सुरक्षा पर ज़ोर
रिपोर्ट: ललित बिष्ट, अल्मोड़ा
द्वाराहाट। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वाराहाट में गुरुवार को एंटी रैगिंग सेल के तत्वावधान में एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं के लिए एक सुरक्षित, सद्भावपूर्ण और रैगिंग-मुक्त शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने पर चर्चा करना था।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. सी. पंत ने जोर देकर कहा कि एंटी रैगिंग सेल के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि द्वाराहाट कॉलेज में अब तक रैगिंग का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, और समिति समय-समय पर छात्रों को सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए प्रेरित करती रहती है।
कानूनी और सामाजिक पहलू पर चर्चा
बैठक में द्वाराहाट सिविल न्यायालय के अधिवक्ता श्री भास्कर पंत ने रैगिंग के गंभीर दुष्परिणामों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रैगिंग से जुड़ी घटनाओं में छात्र-छात्राओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने रैगिंग को एक ‘अभिशाप’ बताते हुए इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया और सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के उत्पीड़न को निंदनीय बताया।
वरिष्ठ पत्रकार ललित सिंह बिष्ट ने तकनीकी और मेडिकल उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए कड़े नियमों का जिक्र किया, हालांकि उन्होंने वर्तमान में कॉलेजों में ऐसी घटनाओं में कमी आने की बात कही।
एंटी रैगिंग समिति के सदस्य अभिभावक कैलाश चंद्र जोशी ने नए छात्रों के फूल-मालाओं से स्वागत करने और उनके प्रति मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखने का सुझाव दिया, ताकि उनमें किसी भी प्रकार की असुरक्षा की भावना पैदा न हो।
काउंसलिंग और जागरूकता
कार्यक्रम का संचालन करते हुए एंटी रैगिंग सेल के संयोजक डॉ. अंचलेश कुमार ने बताया कि कॉलेज स्तर पर गठित समिति नियमित रूप से छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग करती है, जिसके कारण रैगिंग संबंधी घटनाएं घटित नहीं हो पाती हैं।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. नाजिश खान ने एक महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रैगिंग की घटनाएं अक्सर गुपचुप तरीके से अंजाम दी जाती हैं और अधिकांश मामले प्रकाश में नहीं आ पाते, जो संस्थाओं के वातावरण को दूषित कर देते हैं।
अंत में, मीडिया सेल के सदस्य डॉ. हेमचंद दुबे ने सभी उपस्थित सदस्यों का आभार व्यक्त किया। बैठक में एंटी रैगिंग समिति के सदस्य डॉ. सुमन गढ़िया, डॉ. प्रियंका, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी चंदन सिंह कठायत, लोकेश जोशी, निकिता, मानवी बिष्ट, अभिषेक तिवारी सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।
