उत्तराखंड में बसपा ने पांचो लोकसभा सीट पर घोषित किए प्रत्याशी
1 min read
उत्तराखंड में बसपा ने पांचो लोकसभा सीट पर घोषित किए प्रत्याशी
By दीपक नारंग
Uttrakhand BSP candidate list 26 March 2024 लोकसभा के नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है। पौड़ी से धीर सिंह बिष्ट ,टिहरी से नीमचंद छुरियाल हरिद्वार से जमील अहमद अल्मोड़ा से नारायण राम और नैनीताल से अख्तर अली महीगीर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है ।
बसपा केंद्रीय कार्यालय से उत्तराखंड के पांचो लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की एक सूची जारी की गई है। मगर सबसे हैरानी की बात यह है कि 27 मार्च यानी कल नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है ऐसे में अंतिम क्षणों में बसपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है ।
अंतिम चरण में बसपा ने घोषित किया प्रत्याशी
मगर राजनीतिक समीक्षक भी हैरान है कि बहुत कम वक्त है ऐसे में बसपा क्या चुनाव की सही तरीके से तैयारी नहीं कर रही थी या किसी गठबंधन का इंतजार कर रही थी यूं तो बसपा किसी भी गठबंधन में जाने से इंकार करती रही है लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के येन वक्त पर बसपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है ।
बसपा का अगर चुनावी समीकरण देखते हैं तो हरिद्वार में काफी वोट बैंक बसपा का माना जाता है विशेष समुदाय के मतदाताओं पर बसपा की नजर रहती है । हरिद्वार की सीमा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के साथ में लगती है ऐसे में बसपा का असर देखने को मिलता है।
पांच लोकसभा सीटों में से दो सीट पर बनाया मुस्लिम उम्मीदवार
मगर जिस तरह से अल्मोड़ा और नैनीताल में काफी चिंतन करने के बाद बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी के साथ दूसरे दलों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि नैनीताल सीट पर भी बसपा ने मुस्लिम समुदाय का उम्मीदवार घोषित किया है इसी तरह से पांच में से दो सीटों पर बसपा ने मुस्लिम समुदाय को अपना प्रत्याशी बनाया है ।
जबकि टिहरी से नीमचंद छोरियल और पौड़ी से धीर सिंह बिष्ट को अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो बसपा जमीनी स्तर पर सभी नफा नुकसान को आकलन करने के बाद अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं ।
उत्तराखंड में बसपा कितनी मजबूती से लड़ेगी चुनाव
देखना यही होगा कि आने वाले दिनों में बसपा कितनी शिद्दत के साथ लोकसभा का चुनाव लड़ती है और किस दल को फायदा होता है किस दल को नुकसान होता है बसपा को राजनीतिक तौर पर कितना फायदा पहुंचता है क्या बसपा अपना ग्राफ बढ़ा पाएगी।