South Asia 24×7 का मतलब पक्की खबर, देश और जहान की ताजातरीन खबरें,पत्रकारिता की नई आधारशिला, निष्पक्षता और पारदर्शिता अब, South Asia 24×7 पर खबर ग्राउंड जीरो से, मंझे हुए संवाददाताओं के साथ,हर जन मुद्दे पर, सीधा सवाल सरकार से ,सिर्फ South Asia 24 ×7 पर,पत्रकारिता की मजबूती के लिए जुड़िए हमारे साथ, South Asia 24×7 के यूट्यूब चैनल,फेसबुक और ट्विटर पर क्योंकि हम करते है बात मुद्दे की

South Asia24x7

Hindi News, Breaking News in Hindi, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi,South Asia24x7

Dun University Dehradun विशेषज्ञता जनित नेतृत्व से प्रभावी होगा गवर्नेंस: डॉ एन रवि शंकर

1 min read

Dun University Dehradun विशेषज्ञता जनित नेतृत्व से प्रभावी होगा गवर्नेंस: डॉ एन रवि शंकर

विशेषज्ञता जनित गवर्नेंस से नीतियों का होगा प्रभावी क्रियान्वयन: प्रो सुरेखा डंगवाल

ब्यूरो रिपोर्ट

दून विश्वविद्यालय में आयोजित लैटरल एंट्री सिविल सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों के ओरियंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एवं डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर एन रवि शंकर ने कहा कि लैटरल एंट्री के माध्यम से उन पेशेवर विशेषज्ञों को सरकारी सेवा में कार्य करने के अवसर मिल रहे हैं ।

जिन्होंने अपने प्रोफेशन में अपनी विशेषज्ञता के आधार पर उपलब्धियां हासिल की है और उस क्षेत्र में विशेष पहचान कायम की है। उनकाे उस क्षेत्र विशेष की व्यवहारिकता से परिचय होने के कारण सरकारी नीति निर्धारण में सहयोग देने से उस क्षेत्र विशेष में निर्णय लेने एवं कार्यक्रमों के कार्यन्नयन में गति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जब कोई विशेषज्ञ किसी नीति के निर्धारण में या उसके क्रियान्वयन में शामिल होता है तो उस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने एवं नियंत्रित करने में आसानी रहती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट ने कहा की उत्तराखंड राज्य की स्थापना पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों का विकास न होने के कारण हुआ।

 

आज आवश्यकता है कि हम गांव केंद्रित नीति निर्धारण एवं क्रियान्वयन में गति लायें

जिससे गांवों की आर्थिकी सुदृढ़ हो और ग्रामीणों की जिंदगी एवं जीवन शैली में गुणात्मक सुधार हो और इस व्यवहारिक बदलाव तथा विकास की बयार को आम उत्तराखंडी महसूस कर सके, अधिकारियों को इस मनोयोग से कार्य करना होगा तभी उत्तराखंड की स्थापना का उद्देश्य पूर्ण होगा।

राज्य नियोजन विभाग के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस प्रकोष्ठ के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डॉ मनोज पंत ने उत्तराखंड सरकार द्वारा जनकल्याण की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि उत्तराखंड के जन-जन के कल्याण के लिए जो योजनाएं तैयार की जाए उन्हें शत- प्रतिशत लाभार्थी तक पारदर्शिता के साथ पहुंचाई जाए और इसके लिए सरकार कृत संकल्पित है, इसी पारदर्शी नीति पर राज्य सरकार के समस्त कार्यक्रमों एवं नीतियों को क्रियान्वित किया जा रहा हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल का बयान

 

आम व्यक्ति को सरकार से बड़ी उम्मीदें रहती हैं और उनकी उम्मीदों को पूरा करने में अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। योजनाएं जनकल्याण की और विकास की बनती हैं परंतु कई बार उन योजनाओं का लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इसलिए अधिकारियों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके ही परिश्रम एवं समर्पण से योजनाएं लाभार्थियों तक पहुंच पाती हैं।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसेज के डीन प्रोफेसर आर पी ममगाँई ने कहा कि भारत सरकार की यह योजना निश्चित रूप से सराहनीय है क्योंकि लैटरल एंट्री के माध्यम से उन युवाओं को सरकारी तंत्र में कार्य करने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं जिन्होंने एक लंबे कालखंड तक अपनी विशेषज्ञता के आधार पर उस पेशे में कार्य क्या है। इस प्रकार के अधिकारी यदि सरकारी नीतियों के निर्धारण में सम्मिलित किए जाएंगे तो उनकी विशेषज्ञता नीतियों के क्रियान्वयन को गति देने में सहायक होगी।

 

उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय शासन संस्थानों, जिन पर केंद्र सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन के साथ-साथ अपने कार्यक्रमों की योजना बनाने की जिम्मेदारी भी है उनमें इस प्रकार के प्रयोगों की अधिक गहनता से आवश्यकता है। दून विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मैनेजमेंट के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने कहा कि विश्व समुदाय आज भारत के गवर्नेंस मॉडल की सराहना कर रहा है क्योंकि हमारा दर्शन विश्व कल्याण, समरसता, समता और समानता के सिद्धांत पर आधारित है।

वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन को चरितार्थ करता भारतीय गवर्नेंस मॉडल का मूल मंत्र

सबका साथ सबका विकास है, विश्व के सभी देशों में गवर्नेंस का मॉडल यदि इसी भाव पर आधारित होगा तो समाज में शांति स्थापित होगी और विश्व समुदाय को एक दूसरे के दर्द और पीड़ा को समझने और हल करने में मदद मिलेगी इस प्रकार की नीति से वैश्विक स्तर पर मानवता की संरक्षा, मानवीय मूल्यों की स्थापना के साथ ही वैश्विक स्तर पर भाईचारा कायम होगा और नीतियों के क्रियान्वयन में भी सहायता मिलेगी। धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड एडमिनिस्ट्रेशन, नई दिल्ली के प्रोफेसर वी एन आलोक ने प्रशिक्षुओं का विस्तृत परिचय प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की।

इस अवसर पर साइंस के डीन डॉ अरुण कुमार, उपकुल सचिव नरेंद्र  लाल, पीयूष शर्मा, रोहित शर्मा, अनिमेश सहित 25 प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!