कान्हा की मनमोहक छवि देखकर मंत्र मुग्ध हुए श्रद्धालु
1 min readकान्हा की मनमोहक छवि देखकर मंत्र मुग्ध हुए श्रद्धालु
ब्यूरो रिपोर्ट
परमपिता परमेश्वर लक्ष्मीपति नारायण का ब्रह्म द्वारकाधीश वृंदावन बिहारी लाल भक्त वत्सल श्री कृष्णा हरि विष्णु योगेश्वर अनंतन नाम से जप किए जाने वाले संपूर्ण जगत के ईश्वर श्री कृष्णा जन्मोत्सव के पावन बेला पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया इस मौके पर नन्हे बालकृष्ण के रूप में वस्त्रों को धारण करके बच्चों ने हिस्सा लिया।
राजधानी देहरादून के धरमपुर मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कान्हा ने भी हिस्सा लिया और गीत संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए गए कान्हा के माता का कहना है कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं ऐसे में उनके पुत्र ने भी कान्हा का रूप धारण किया जो बहुत ही मनमोहन रहा है। उनका कहना है कि भगवान भाव से प्रकट होते हैं जिसकी जैसी भावना रहती है ईश्वर उसे इस रूप में मिलते हैं।
भगवान श्री कृष्णा को हिंदू धर्म में सर्वोत्तम और परमपिता माना जाता है। उनकी महिमा अत्यंत अद्भुत और अद्वितीय है। भगवान श्री कृष्णा की बाल लीलाएं, गोपियों के संग रास रचाना, गीता के उपदेश और भगवत कथा महापुराण में विराजमान है। उन्होंने महाभारत के समय अर्जुन की महाभारत में नेतृत्व और मार्गदर्शन किया।
भगवान श्री कृष्णा का जन्म मथुरा में हुआ था और उनका यशोदा माता और नंद बाबा के यहाँ वास हुआ था। उनकी बाल कालीन लीलाएं बच्चे और बूढ़ों को भी मनोरंजन करती हैं। उनकी गोपियों के साथ वृन्दावन में रास रचाना ने विशेष रूप से महिलाएं के लिए एक आदर्श स्थान बनाया।
भगवान श्री कृष्णा ने अपने जीवन में सत्य, न्याय और धर्म के सिद्धांतों को पालन किया। उन्होंने उस समय के संसारिक समस्याओं का समाधान किया और मानवता को सही मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन किया। उनकी महिमा अज्ञात के लिए अत्यंत गहरी और अद्वितीय है और वे हर जीव के दिल में आश्चर्य और प्रेम का भाव भर देते हैं।