Uttrakhand cultural program उत्तराखंड की कला संस्कृति का हैदराबाद मे होगा शो
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Uttrakhand cultural program उत्तराखंड की कला संस्कृति का हैदराबाद मे होगा शो
ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तराखंड की टीम हैदराबाद(भाग्यनगर)में लोकमंथन -2024 कार्यक्रम के लिए रवाना हुई ।21/11/2024 से 24/11/2024 तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भारत के सभी प्रातों के अतिरिक्त विदेशो से भी मेहमान आ रहे हैं,
जिसमें भारत के सभी प्रातों के अलावा वहां की भेषभूषा,लोक कलाएं व पारम्परिक नृत्य आदि की प्रस्तुति दी जायेगी।सभी प्रातों की एक झलक डाक्यूमेंटरी के माध्यम से भी दिखाई जायेगी।
उत्तराखंड की कला और संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविध है। यहाँ की संस्कृति मौसम और जलवायु के अनुरूप है, जो पहाड़ी प्रदेश की विशेषता है¹।
*रहन-सहन*
उत्तराखंड के लोगों के रहन-सहन में परिश्रम और सादगी दिखाई देती है। उनके मकान पक्के होते हैं, जो पत्थरों से बने होते हैं। खाने में रोटी और भात का प्रचलन है, और लगभग हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है।
*त्यौहार*
उत्तराखंड में कई स्थानीय त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
– _देवीधुरा मेला_
– _पूर्णागिरि मेला_
– _नंदा देवी मेला_
– _उत्तरायणी मेला_
– _गौचर मेला_
*खानपान*
उत्तराखंडी खानपान बहुत पौष्टिक और बनाने में सरल होता है। यहाँ के कुछ विशिष्ट खानपान हैं:
– _आलू टमाटर का झोल_
– _चैंसू_
– _झोई_
– _कापिलू_
– _मंडुए की रोटी_
– _पीनालू की सब्जी_
*वेशभूषा*
उत्तराखंड की वेशभूषा भी बहुत विशिष्ट है। पारम्परिक रूप से महिलाएं घाघरा और आंगड़ी पहनती थीं, जबकि पुरुष चूड़ीदार पजामा और कुर्ता पहनते थे। अब इनका स्थान पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी ने ले लिया है।
*लोक कलाएँ*
उत्तराखंड लोक कला की दृष्टि से बहुत समृद्ध है। घर की सजावट में ही लोक कला सबसे पहले देखने को मिलती है। दशहरा, दीवाली जैसे त्योहारों पर लोक कला की झलक दिखाई देती है।
उत्तराखण्ड से मुख्यमंत्री की सूझ-बूझ व संवेदनशीलता का आज पूरा विश्व कायल है ऐसा सिल्क्यारा पर डाक्यूमेंटरी दिखाई जाने की सम्भावना है।उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि मण्डल में श्रीमती विनोद उनियाल(राज्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार)डा कुसुम नौटियाल,डा अंजलि वर्मा,सीमा उप्रेती,डा गुरूमीत सिंह,डा चन्द्रपाल आदि लोग इस भव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनेगें।