महाशिवरात्रि पर कैसे करें जलाभिषेक, मुहूर्त का समय
1 min read

महाशिवरात्रि पर कैसे करें जलाभिषेक, मुहूर्त का समय
आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देशभर में भक्ति भावना के साथ पर्व को मनाया जा रहा है महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शंकर मां पार्वती की विशेष पूजा अर्चना करने का महत्व है कहते हैं कि जो भक्त सच्ची भावना से भगवान बोले का जलाभिषेक करता है उसके समस्त कष्ट नष्ट हो जाते हैं और उसे हजारों महायज्ञ का फल प्राप्त होता है जो भक्त निर्जला व्रत करते हैं ऐसी कन्याओं को बार प्राप्त होता है,
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त: Mahashivratri 2025 Shubh Muhurat
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 05:09 बजे होगी। ब्रह्म मुहूर्त का समापन 5: 59 बजे हो जाएगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 6:16 बजे शुरु होगा। यह मुहूर्त शाम 6: 42 बजे तक रहेगा।
इसके बाद निशीथ काल मुहूर्त रात 12:09 बजे से 12: 59 बजे तक रहेगा।
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में महाकुंभ का अंतिम स्नान शुरू होगा। ब्रह्म मुहूर्त में संगम में स्नान करना विशेष फलदायी होता है।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल अर्पित करें।
बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत, भस्म और सफेद फूल चढ़ाएं। साथ ही धूप-दीप जलाकर शिव की आरती करें और भजन गाएं।
इस दौरान आप शिवपुराण और रुद्राष्टक का पाठ भी कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 26 फरवरी को प्रात: काल में 05:17 से लेकर 06:05 मिनट तक
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:29 से रात 09 बजकर 34 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09:34 से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 39 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03 बजकर 45 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में पड़ता है।
महाशिवरात्रि के दिन, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, उनकी आराधना करते हैं और उनके लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। इस दिन, शिव मंदिरों में विशेष पूजा और अभिषेक किया जाता है, और भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के फल, फूल और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व:
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की महिमा और उनके प्रति भक्ति को बढ़ावा देता है। यह पर्व हमें भगवान शिव की शिक्षाओं को याद दिलाता है, जैसे कि जीवन में संयम, तपस्या और आध्यात्मिक ज्ञान का महत्व।
महाशिवरात्रि की कथा:
महाशिवरात्रि की कथा के अनुसार, यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की याद में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव की महिमा और उनके प्रति भक्ति को बढ़ावा देता है।