जिला स्तरीय शीतकालीन खेलकूद प्रतियोगिता सम्पन्न
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जिला स्तरीय शीतकालीन खेलकूद प्रतियोगिता सम्पन्न
सोहन सिंह
25 वीं पंच बद्री जिला स्तरीय शीत कालीन क्रीड़ा प्रतियोगिता जिला चमोली का शुभारंभ गोचर खेल मैदान मे मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार राजेन्द्र भंडारी के द्वारा किया गया.जिस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी चमोली के प्रतिनिधि के रूप मैं प्रधानाचार्य अटल उत्कृष्ट विद्यालय शिमली देव दत्त शर्मा संयोजक प्रधानाचार्य गौचर, सह संयोजक प्रधानाचार्य रा बा इ का गौचर,विशिष्ट अतिथि अर्जुन पुरस्कार विजेता सुरेंद्र kanwasi . राजा चौहान. राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप भंडारी . एवं INA संघ के जिलाध्यक्ष श्री गोविंद सिंह तोपाल. जिला समन्वयक k c पंत. ब्लॉक समन्वयक जयकृत रावत. ब्लाक अध्यक्ष सुरेंद्र भगत एवं ब्लाक मंत्री राजकीय शिक्षक संघ सुरक्षित भंडारी एवं ब्लाक कर्णप्रयाग के समस्त व्यायाम अध्यापक मौजूद रहे. क्रीड़ा प्रतियोगिता का आरंभ under-19, 800 mtr दौड़ से किया गया जिसमें priyanshu रा इ का gaucher ने प्रथम. नीरज gmic mahalchauri द्वितीय तथा rajat ने gic kob ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
P E T राजेन्द्र नेगी. प्रदीप नेगी. सुनील सती. विनोद नेगी. सुरक्षित भंडारी. महेंद्र arya. प्रकाश butola. मधु शर्मा. अरुणा डंगवाल पूनम pundir. आदि मौजूद रहे..संचालन हरीश टमटा और भगवती रावत ने किया
लकूद प्रतियोगिता का महत्व: सर्वांगीण विकास की कुंजी
शिक्षा और करियर की दौड़ में अक्सर पीछे छूट जाने वाले खेलकूद का हमारे जीवन और समाज में विशेष महत्व है। खेलकूद प्रतियोगिताएं केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि ये छात्रों और युवाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की आधारशिला हैं। हाल ही में विभिन्न संस्थानों में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं ने एक बार फिर इस सत्य को उजागर किया है।
शारीरिक स्वास्थ्य और फिटनेस:
खेलकूद प्रतियोगिताओं का सबसे पहला और स्पष्ट लाभ शारीरिक स्वास्थ्य है। नियमित रूप से खेलने से शरीर चुस्त और तंदुरुस्त रहता है। यह मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। प्रतियोगिताएं खिलाड़ियों को अपनी शारीरिक सीमाओं को पहचानने और उन्हें पार करने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे उनका स्टेमिना और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
मानसिक मजबूती और तनाव मुक्ति:
शारीरिक लाभ के साथ-साथ, खेल मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेल खेलने से तनाव (स्ट्रेस) कम होता है और मन में ताजगी आती है। प्रतियोगिता का माहौल खिलाड़ियों में आत्मविश्वास, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। जीत की खुशी और हार को स्वीकार करने की भावना व्यक्ति को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है।
सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास:
खेलकूद प्रतियोगिताएं एक बेहतरीन सामाजिक संगठन भी हैं। ये युवाओं में निम्नलिखित महत्वपूर्ण मूल्यों का विकास करती हैं:
- टीमवर्क और सहयोग: सामूहिक खेलों में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की भावना विकसित होती है।
- अनुशासन और नियम-पालन: खेल के दौरान नियमों का सख्ती से पालन करना सिखाया जाता है, जो उन्हें अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
- खेल भावना (स्पोर्ट्समैनशिप): खिलाड़ियों को हार-जीत को समान भाव से स्वीकार करना सिखाया जाता है, जिससे उनमें नैतिकता और विनम्रता आती है।
- नेतृत्व क्षमता: कई खिलाड़ियों में नेतृत्व के गुण स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं, जब वे अपनी टीम का मार्गदर्शन करते हैं।
प्रतिभाओं को मंच:
स्कूलों और विभिन्न स्तरों पर आयोजित ये प्रतियोगिताएं छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं। अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी इन छोटी प्रतियोगिताओं से ही अपनी यात्रा शुरू करते हैं। सरकार और शिक्षा बोर्ड भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प हैं, ताकि युवाओं की प्रतिभा को सही दिशा मिल सके।
शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद का विशेष महत्व है। यह न केवल स्वस्थ नागरिक तैयार करता है, बल्कि उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार करता है। इसलिए, हमें नियमित रूप से खेल खेलने को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना चाहिए और खेल प्रतियोगिताओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना चाहिए। खेल सिर्फ जीत-हार का मसला नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है।