सौहार्द एवं बंधुता मंच गाज़ीपुर द्वारा होली और ईद मिलन समारोह का आयोजन
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सौहार्द एवं बंधुता मंच गाज़ीपुर द्वारा होली और ईद मिलन समारोह का आयोजन
सौहार्द को मजबूत करना समय की मांग*तारिक नसीम
अकील अहमद
गाज़ीपुर۔सौहार्द साथियों ने देश के अंदर आपसी सौहार्द एवं सामाजिक ताने बाने को मजबूत करने के उद्देश्य से रुही मण्डी स्थित मेंटर फ़रीद आलम के आवास पर तारिक नसीम अब्बासी द्वारा आओ दिलों को जोड़ें अभियान के तहत ईद होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
जिसमें सौहार्द बंधुत्व मंच के सदस्यों के साथ साथ नगर के सम्मानित लोग उपस्थित रहे। विशेष रूप से सोशल एक्टिविस्ट ईश्वर चंद, धार्मिक गुरू बड़े पंडित जी,समाजसेवी सतीश उपाध्याय और शिक्षक माया साहू की उपस्थिति उल्लेखनीय है।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ईश्वर चंद ने की और संचालन मेंटर फ़रीद आलम ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत फेलो साथी अच्छे लाल कुशवाहा के उद्बोधन से हुई,उन्होंने कहा कि आज देखा जा रहा है कि जुलूसों में युवा तलवार और चाकू लेकर समाज को गलत संदेश दे रहे हैं जो सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा है,हमे प्यार बांटना है नफरत नहीं। इसी कड़ी में मंच की सदस्य माया साहू ने कहा कि सौहार्द मंच की यह पहल बहुत ही सराहनीय है जो इस तरह के आयोजन किये जाते हैं जो लोगो को एक मंच पर लाकर जोड़ने और भाईचारे का संदेश देता है।
इसी क्रम में बंधुत्व मंच के साथी सतीश उपाध्याय ने अपनी बात रखी और कहा कि हम सबको भाईचारा बना रहे इसके लिए साझा प्रयास करने की ज़रूरत है क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व इसे बिगाड़ने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।
ग़ाज़ीपुर शहर के बड़े पंडित जी ने अपनी बात होली के एक गीत से शुरू की औऱ कहा कि ये कितना अच्छा संयोग है कि होली और ईद मिलन समारोह एक साथ किया जा रहा है,हर धर्म के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं जो समाज मे एक अच्छा संदेश देने का काम कर रहा है वहीं मेंटर साकिब अब्बासी जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज ज़रूरत है कि हम अपने आस पास लोगो की बिना जाति धर्म देखे उनकी मदद करें और उनके सुख दुख में शामिल हो और भाइचारे को बढ़ावा दें।
मेंटर फ़रीद आलम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि साम्प्रदायिक शब्द आया कहा से?सांप्रदायिक शब्द एक समूह के लिए लागू एक विशेषण है, और इसका मतलब है कि समूह समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संसाधनों, संपत्ति और संपत्ति को साझा करता है। सांप्रदायिकता की मुख्य विशेषताएँ इसकी मौलिक मान्यता है कि सदस्यों की वफ़ादारी उस देश के बजाय समूह के प्रति होनी चाहिए जिसमें वे रहते हैं।
अंत में कार्यक्रम संयोजक तारिक़ नसीम अब्बासी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और लोगो को सेवइयां और जूस पिलाकर कार्यक्रम समाप्त किया।
इस कार्यक्रम में शाहनवाज सिद्दीकी, अरमान अंसारी, अबूजर सिद्दीकी, मुहम्मद अम्मार, संजय यादव, नंदलाल गुप्ता,अब्दुस्समद सिद्दीकी,गंगा सागर कुशवाहा, लियाक़त अली आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।