दर्जाधारी राज्यमत्री पुनीत मित्तल ने गिनाई अपनी प्राथमिकताएं
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दर्जाधारी राज्यमत्री पुनीत मित्तल ने गिनाई अपनी प्राथमिकताएं
ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तराखंड नगरीय पर्यावरण संरक्षण परिषद के उपाध्यक्ष पुनीत मित्तल ने आज सचिवालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है इस मौके पर दर्जाधारी राज्य मंत्री विनय रहेला, विश्वास डाबर कैलाश पंत मौजूद रहे
सचिन नितेश झा भी कार्यक्रम में शामिल हुए उत्तराखंड नगरीय पर्यावरण संरक्षण परिषद के उपाध्यक्ष दर्जाधारी राज्य मंत्री पुनीत मित्तल ने पद घर ग्रहण करने के मौके पर अनौपचारिक रूप से बातचीत करते हुए कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए आम सहभागिता को लेकर काम किया जाएगा।
उनका कहना है कि उनकी कोशिश होगी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आम सहभागिता बढ़ाई जाए।पर्यावरण संरक्षण परिषद एक संगठन है जो पर्यावरण संरक्षण और संरक्षण के लिए काम करता है। इसके कुछ प्रमुख कार्य हैं:।
पर्यावरण संरक्षण परिषद के कार्य
1. पर्यावरण नीतियों का विकास: परिषद पर्यावरण संरक्षण के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का विकास करती है।
2. पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता: परिषद पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने और जागरूक करने के लिए काम करती है।
3. पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं का क्रियान्वयन: परिषद पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं का क्रियान्वयन करती है, जैसे कि वनस्पति और जीव-जन्तुओं का संरक्षण, जल संरक्षण, और वायु प्रदूषण नियंत्रण।
4. पर्यावरण अनुसंधान और विकास: परिषद पर्यावरण संबंधी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देती है।
पर्यावरण वह प्राकृतिक और मानव निर्मित परिवेश है जिसमें हम रहते हैं और जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है। इसमें शामिल हैं:
पर्यावरण के घटक
1. *प्राकृतिक पर्यावरण*: इसमें वायुमंडल, जल, मिट्टी, वनस्पति, जीव-जन्तु और अन्य प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं।
2. *मानव निर्मित पर्यावरण*: इसमें शहर, गाँव, भवन, सड़कें, उद्योग और अन्य मानव निर्मित संरचनाएं शामिल हैं।
पर्यावरण का महत्व
1. *जीवन को समर्थन*: पर्यावरण हमें जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, जैसे कि हवा, पानी, भोजन और आश्रय।
2. *स्वास्थ्य और कल्याण*: स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
3. *आर्थिक विकास*: पर्यावरण प्राकृतिक संसाधनों का स्रोत है जो आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
4. *सांस्कृतिक और सौंदर्य मूल्य*: पर्यावरण में सांस्कृतिक और सौंदर्य मूल्य होते हैं जो हमारी पहचान और विरासत का हिस्सा हैं।
पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता
1. *प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण*: पर्यावरण संरक्षण से हम प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं और उनके सतत उपयोग को सुनिश्चित कर सकते हैं।
2. *जलवायु परिवर्तन का मुकाबला*: पर्यावरण संरक्षण से हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम कर सकते हैं और इसके अनुकूल होने के लिए तैयार हो सकते हैं।
3. *स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा*: पर्यावरण संरक्षण से हम अपने स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा कर सकते हैं और स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण में रह सकते हैं।
4. *आर्थिक विकास को बढ़ावा*: पर्यावरण संरक्षण से हम आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित कर सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और हमें इसके लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।
5. पर्यावरण नीतियों का मूल्यांकन: परिषद पर्यावरण नीतियों का मूल्यांकन करती है और उनकी प्रभावशीलता की जांच करती है।
6. समुदायों के साथ सहयोग: परिषद समुदायों के साथ सहयोग करती है ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में उनकी भागीदारी बढ़ सके।
7. पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर सलाह देना: परिषद सरकार और अन्य संगठनों को पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर सलाह देती है।
इन कार्यों के माध्यम से, पर्यावरण संरक्षण परिषद पर्यावरण संरक्षण और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान करती है।